नयी दिल्ली, 24 फरवरी, दिल्ली उच्च न्यायालय ने देशद्रोह के आरोपों से घिरे जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत याचिका पर आज सुनवाई 29 फरवरी तक के लिए टाल दी। दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि वह निचली अदालत से कन्हैया की हिरासत की मांग करेगी। न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की पीठ ने इस मामले में जांच को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा स्थिति रिपोर्ट पेश करने के बाद कन्हैया की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। कन्हैया इस समय तिहाड़ जेल में बंद है और न्यायिक हिरासत में है। उसकी न्यायिक हिरासत की अवधि दो मार्च को समाप्त हो जाएगी। पुलिस जेएनयू छात्र उमर खालिद और अनिरबन भट्टाचार्य के सामने बैठाकर पूछताछ के लिए कन्हैया की हिरासत मांगेगी।
उमर और अनिरबन ने कल रात पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। कन्हैया के वकील रेबेका जॉन ने यह कहते हुए जमानत याचिका पर स्थगन की मांग की कि याचिकाकर्ता मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पुलिस हिरासत का विरोध करेगा। अदालत ने साथ ही पुलिस से उमर और अनिरबन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया। अदालत ने कहा कि इन दोनों छात्रों को खरोंच भी नहीं आनी चाहिए। अदालत ने सुझाव दिया कि इन दोनों छात्रों की हिरासत पर सुनवाई एक अलग स्थान पर होनी चाहिए ताकि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे। अदालत में कड़ी सुरक्षा के बीच कन्हैया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के समय अदालत में कुछ वकील और पत्रकार नहीं मौजूद थे। कन्हैया का भाई भी सुनवाई के वक्त अदालत में था।

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