नयी दिल्ली,01 फरवरी, वेतन नहीं मिलने से नाराज दिल्ली नगर निगम(एमसीडी) के कर्मचारियों की अनिश्चित कालीन हडताल में आज छठे दिन भी जारी रही इसबीच अध्यापकों और डॉक्टरों के भी हड़ताल में शामिल होने से इस विरोध को और बल मिल गया है वहीं दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल नजीब जंग से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। एमसीडी के डेढ लाख कर्मचारी जिनमें सफाई कर्मचारी, डॉक्टर, नर्स और अध्यापक शामिल हैं। उनकी अनिश्चितकालीन हडताल छठे दिन भी जारी रही। दिल्ली सरकार ने एक प्रस्ताव पारित कर उपराज्यपाल से दिल्ली विकास प्राधिकरण(डीडीए) पर एमसीडी का बकाया 1754 करोड़ रुपये दिलवाने का अनुरोध किया है। कैबिनेट की बैठक के बाद आज श्री सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि डीडीए पर उत्तरी निगम का 808, पूर्वी निगम का 353 और दक्षिणी निगम का 593 करोड़ रुपए बकाया है। सरकार एमसीडी के कर्मचारियेां को वेतन का भुगतान नहीं होने को लेकर चिंतित है। कर्मचारियों की मांग जायज है और एमसीडी अपना डीडीए पर कर वसूली का बकाया लेेने में असफल रहा है इसकी वजह से दिक्कतें आ रहीं है। मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पारित कर उपराज्यपाल जो डीडीए के अध्यक्ष भी है अपील की है कि इस बकाया राशि को दिलाया जाए।
भारतीय जनता पार्टी ने एेसे वक्त पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिल्ली पर न होने के लिए उनकी तीखी आलोचना करते हुए उन्हें ‘नीरो’करार दिया। भाजपा ने कहा कि एमसीडी समस्या पर दिल्ली जल रही है और आप के संयोजक बेंगलूरु में राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। श्री केजरीवाल नेचुरोपैथी उपचार के लिए इस वक्त बेंगलुरु गए हुए हैं। भाजपा के दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने एमसीडी के तीन मेयरों के साथ संवाददाताओं से कहा कि यह बेहद आश्चर्य की बात है कि दिल्ली में गंभीर संकट है अौर मुख्यमंत्री उपचार के लिए बेंगलूरु गए हैं और वहां वह इलाज की बजाए अनेकों कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। करीब 60 हजार सफाई कर्मचारियों ने अपना प्रदर्शन तेज करते हुए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कूड़ा डालकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध कर रहे कर्मचारियों ने आज बड़ी संख्या में उत्तरी एमसीडी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इसी के साथ ही केन्द्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा के आवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किए गए। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन नहीं मिलने के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है। वेतन नहीं मिलने के कारण उनके घरों में चूल्हा नहीं जल पा रहा है और बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है।

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