नयी दिल्ली, 02 फरवरी, कांग्रेस उपध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि पहले मोदी सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की तीखी आलोचना करती थी लेकिन अब यू-टर्न लेकर राष्ट्रीय गौरव का कार्यक्रम बताकर वह इसकी उपलब्धियों पर वाह-वाह लूट रही है। श्री गांधी ने मनरेगा के दस साल सफलातपूर्वक पूरा होने पर आज ट्वीट करके कहा कि मनरेगा को कांग्रेस सरकार की असफलता का जीता जागता स्मारक बताने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अब इसकी सफलता की प्रशंसा कर रही है और इसे राष्ट्रीय गौरव का कार्यक्रम बताकर उत्सव मना रही है। उन्होंने इसे श्री मोदी की राजनीति सूझ बूझ का विशिष्ट उदाहरण बताया है। सरकार ने इस कार्यक्रम के लागू होने के दस साल की पूर्व संध्या पर कल दावा किया था कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान मनरेगा में नए सिरे से जान फूंकी गई थी। इस कानून की एक दशक की उपलब्धियों को उसने राष्ट्रीय गौरव और उत्सव का विषय बताया और कहा कि आने वाले समय में इसे और सरल बनाया जाएगा तथा गरीबों के लिए सतत संपत्ति के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष मनरेगा को गरीबी खत्म करने में कांग्रेस की ‘असफलता ’ का ‘जीता जागता स्मारक’ बताया था। उन्होंने संसद में कांग्रेस की तरफ इशारा करते हुए कहा था, “क्या आपको लगता है कि मैं इस योजना को समाप्त कर दूंगा। मैं राजनीति में इतना कमजोर नहीं हूं कि मैं इस तरह का कदम उठाऊं। यह गरीबी से निबटने का आपकी असफलता का जीता जागता स्मारक है। मैं गाजे बाजे के साथ इस योजना को जारी रखूंगा।”
कांग्रेस ने ग्रामीण विकास मंत्रालय की इस संदर्भ में जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि इस योजना की प्रशंसा करते हुए मोदी सरकार कहती है, “अब तक मनरेगा पर 3,13,844.55 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और इसमें से 71 प्रतिशत राशि श्रमिकों को पारिश्रमिक के रूप में दी गयी। इसमें अनुसूचित जाति के श्रमिकों की संख्या 20 प्रतिशत बढ़ी है जबकि जनजाति के श्रमिकों की संख्या में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। महिला श्रमिकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हाे रही है। इससे सतत और स्थायी परिसंपत्ति का निर्माण हुआ और इसके जरिए 65 प्रतिशत से ज्यादा काम कृषि तथा इससे जुड़ी गतिविधियों में हुआ है।” पार्टी का कहना है कि मनरेगा की तीखी आलोचना करने वाली मोदी सरकार इसे अब गौरव का विषय बता रही है और मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है, “मनरेगा रोजगार उपलब्ध कराने वाला दुनिया की सबसे बड़ा कार्यक्रम है और इसके क्रियान्वयन से गरीबी 32 प्रतिशत घटी है और एक करोड़ 40 लाख लोग इसके कारण गरीबी की चपेट में आने से बचे हैं। ” मनरेगा की शुरूआत दस साल पहल कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार ने की थी और आज के ही दिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दो फरवरी 2006 को आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले के बंदलापल्ली गांव में इस कार्यक्रम की शुरूआत की थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने इस कार्यक्रम की सफलता का दशक पूरा होने पर अनंतपुर के बंदलापल्ली गांव में कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने श्री मोदी द्वारा इस कार्यक्रम की सफलता को स्वीकार करके इसको लेकर उत्सव मनाना अच्छा संकेत बताया।

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