मुंबई/नयी दिल्ली, 02 फरवरी, । फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने पाकिस्तानी उच्चायोग पर असत्य बोलने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि उन्हें कराची साहित्य उत्सव में जाने के लिये पाकिस्तान द्वारा वीजा से इनकार किया गया है। श्री खेर ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि साहित्य, कला एवं संस्कृति की कोई सीमा नहीं होती है। यही वजह है कि भारत में भी पाकिस्तानी कलाकारों को काम और सम्मान मिलता है। इसीलिये उन्होंने कराची साहित्य उत्सव में जाने पर सहमति जतायी थी लेकिन उन्हें वीजा नहीं दिया गया। श्री खेर को पांच फरवरी को कराची साहित्य उत्सव में भाग लेने जाना था। श्री खेर ने पाकिस्तान उच्चायोग के उस बयान काे असत्य बताया कि उन्होंने कोई वीजा आवेदन नहीं दिया था। श्री खेर ने कहा कि वीजा का आवेदन आयोजक करता है। उसी तरीके से अन्य 17 लोगों को वीजा दिये गये लेकिन सिर्फ उन्हें ही नहीं दिया गया।
वीजा से इनकार किये जाने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह जिस तरह से कश्मीरी पंडितों के हक में या प्रधानमंत्री के पक्ष में बोलते हैं, शायद वह सब उन्हें पसंद नहीं आया होगा। टीवी चैनल से बातचीत में कराची से इस उत्सव की आयोजक अमीना ने भी इस बात की पुष्टि की कि श्री खेर को वीजा देने से पाकिस्तानी उच्चायोग ने इनकार कर दिया है। इससे पहले पाकिस्तान उच्चायोग ने आज एक समाचार पत्र में प्रकाशित उस रिपोर्ट का खंडन किया जिसमें श्री खेर को कराची साहित्य सम्मेलन में भाग लेने के लिये पाकिस्तानी वीजा देने से इनकार करने का खुलासा किया गया है। नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रवक्ता मंज़ूर अली मेमन ने कहा कि श्री खेर ने पाकिस्तानी उच्चायोग में वीजा का कोई आवेदन नहीं दिया लिहाजा वीजा देने से इनकार करने का प्रश्न ही नहीं उठता।
पिछले वर्ष मई में भी श्री खेर को एक गैरसरकारी संगठन ने लाहौर में एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया था लेकिन तब भी उन्हें वीजा देने से मना कर दिया गया था। उस वक्त पाकिस्तानी उच्चायोग ने सुरक्षा कारणों से वीजा देने से इनकार किया था। श्री खेर देश में ‘असहिष्णुता विरोधी’ बहस की मुखालफत करने वालों में अग्रणी रहे हैं।

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