ईटानगर, 25 फरवरी, कांग्रेस के बागी विधायकों ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री कलिखो पुल को आज के अहम विधानसभा सत्र के मद्देनजर सर्वसम्मति से अपना नेता चुन लिया। बागी विधायकों ने श्री पुल को कांग्रेस के विधायक दल का नेता करार दिया है जबकि अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक राजेश ताचो ने स्पष्ट किया है कि वह विधायक दल के नेता नहीं हैं और उनकी अगुआई में हुई बैठक भी विधायक दल की बैठक नहीं है। उन्होंने सभी कांग्रेस विधायकों को ‘गैर कानूनी’ तरीके से आज से शुरु होने वाले विधानसभा सत्र में शामिल न होने के लिए कहा। श्री पुल को विधानसभा सत्र में विश्वास मत हासिल करना है। पार्टी ने एक व्हिप जारी कर कहा, “गैरकानूनी तरीके से बुलाए गए विधानसभा सत्र में कलिखो पुल या उनके प्रतिनिधियों द्वारा विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी या मत डाले जाएंगे। कांग्रेस विधायक दल का सदस्य होने के नाते आप सभी को विधानसभा सत्र या मतदान से दूर रहने के निर्देश दिए जाते है। इस व्हिप का उल्लंघन करने पर कांग्रेस विधायकों को भारत के संविधान के तहत अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।” इससे पहले पार्टी हाईकमान ने विधायकों को बैठक में शामिल न होने के निर्देश दिए। पार्टी का कहना है कि यह कांग्रेस के विधायक दल की बैठक नहीं है।
राज्य के आठवें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद श्री पुल के समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री नबाम टुकी के करीबी रहे लीखा साया भी नए मुख्यमंत्री के गुट में शामिल हो गए। पूर्व मंत्री गोजेन गादी, तकाम पारियो, जोमदे केना और तिरोंग अबोह समेत श्री टुकी के आठ और विश्वसनीय नेता गत रात श्री पुल के खेमे में शामिल हो गए। चार अन्य नेताओं में पुंजी मारा, जाम्बे ताशी, तापुक ताकू और गुम तयेंग शामिल है। गत शाम एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए श्री पुल ने कहा कि पूर्व मंत्री समेत दो और विधायक जल्द ही उनके खेमे में शामिल होंगे। राज्यपाल जेपी राजखोवा के समक्ष सरकार गठन का दावा करने के समय श्री पुल को 19 बागी कांग्रेस विधायकों समेत भारतीय जनता पार्टी के 11 और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल था। मुख्यमंत्री बनने के बाद आज के पहले विधानसभा सत्र में श्री पुल के आगे बहुमत साबित करने की चुनौती होगी। उन्होंने कहा कि वह राज्य के लोगों की ‘चौकीदार’ बनकर सेवा करेंगे न कि ‘मालिक’ बनकर। साथ ही भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी, जवाबदेह और जिम्मेदार सरकार का गठन सुनिश्चित करेंगे। राज्य की 58 सदस्यीय विधानसभा में श्री पुल को 28 कांग्रेस विधायकों, 11 भाजपा और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। अरुणाचल प्रदेश में पहली बार ऐसी सर्वदलीय सरकार का गठन हुआ है।

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