भगवान श्रीराम और सीता शक्ति के प्रतीक : दास - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 1 फ़रवरी 2016

भगवान श्रीराम और सीता शक्ति के प्रतीक : दास

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अयोध्या, 01 फरवरी, बिहार के सीतामढ़ी में भगवान श्रीराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विवादित श्रीरामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि भगवान श्रीराम और सीता कोई सामान्य मानव नहीं बल्कि शक्तिमान आदि देव के रूप में जाने जाते हैं। आचार्य सत्येन्द्र दास ने आज यहां “ यूनीवार्ता ” से कहा कि बिहार के सीतामणि में भगवान श्रीराम के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज हुआ है वह गलत है। भगवान श्रीराम एवं सीता मानव पुरुष नहीं थे बल्कि शक्ति पुरुष थे। मानव द्वारा बनाया गया कानून, नियम ईश्वर के ऊपर लागू नहीं होता है। भगवान राम ने जितनी भी लीलाएं की हैं वह कल्याणकारी हैं इसलिए इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम एवं सीताजी को लगभग नौ लाख वर्ष धरती छोडे हुए हुआ है। अगर यह आरोप अदालत में लगाया जाता है तो इसकी जानकारी राम के वंशज को होनी चाहिए जो कि इस समय उनके वंशज हैं ही नहीं। 

उन्होंने कहा कि इस तरीके के अदालत में कोई मुकदमा करना, यह हिन्दू आस्था पर चोट पहुंचाना है, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पुजारी ने कहा कि सीताराम पर लगे आरोप गलत हैं। इन आरोपों से भक्तों का अपमान हुआ है, जिसे कभी क्षमा नहीं किया जा सकता है। प्रभु राम के ऊपर दावा करने से पहले अदालत को सोचना चाहिए, क्योंकि किसी भी धर्म के ऊपर इस तरह का मुकदमा करना गलत है और मुकदमा करने वालों पर सजा होनी चाहिए। इस बीच, इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. नजमुल हसन गनी ने भी आस्था से जुड़े मुकदमे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस तरीके का मुकदमा दर्ज ही नहीं होना चाहिए। यह तो एक मजाक है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के चरित्र से पूरे देश और विश्व को एक संदेश मिलता है। ऐसे में इस तरीके के मुकदमे ठीक नहीं होते हैं। भारत जैसे देश में राम की आस्था काफी लोगों से जुड़ी हुई है और लोगों को इससे काफी ठेस पहुंची है। 

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