बालीवुड के ‘मुन्नाभाई’ संजय दत्त जेल से रिहा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 25 फ़रवरी 2016

बालीवुड के ‘मुन्नाभाई’ संजय दत्त जेल से रिहा

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पुणे 25 फरवरी, बॉलीवुड के जाने माने अभि‍नेता संजय दत्त आर्म्स एक्ट मामले में अपनी सजा पूरी करने के बाद आज पुणे की यरवदा जेल से रिहा हो गये। संजय मुंबई सीरियल धमाकों में अवैध हथियार रखने के दोषी पाए गए थे। फिल्मों में सभी का दिल जीतने वाले संजय को अपने अच्छे व्यवहार के कारण सजा के 105 दिन पहले ही रिहा कर दिया गया। जेल से निकलते वक्त उन्होंने जमीन छूकर प्रणाम किया और जेल में लगे तिरंगे को सलाम किया। 56 वर्षीय संजय सुबह आठ बजकर 37 मिनट पर जेल से बाहर आये। जेल से निकलते वक्त उनके एक हाथ में बैग था और दूसरे हाथ में कुछ फाइलें थी। जेल से निकलकर वह सीधे पुणे हवाई अड्डे पहुंचे जहां से वह मुम्बई रवाना होगे। हवाई अड्डे पर उनके साथ उनकी पत्नी मान्यता दत्त भी थी।

संजय जेल से निकलकर अपने करीबी लोगों के गले मिले। नीली कमीज में जेल से बाहर निकलने के बाद संजय ने पीछे मुड़कर यरवदा जेल को सलाम किया। इसके बाद वह व्हाइट एसयूवी में बैठकर परिवार के साथ सीधे हवाई अड्डे के लिए रवाना हुए। हवाई अड्डे पहुंचकर संजय ने जेल से रिहाई पर खुशी जताई और अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, 'दोस्तों! आजादी की राह इतनी आसान नहीं है।” संजय ने कहा कि वह लोगों के समर्थन और प्यार की वजह से रिहा हुए है। संजय ने जेल में काम करते हुये 38 हजार रूपये की कमाई की थी लेकिन उन्होंने अधिकतम धन जेल में बनी कैंटीन से अपने लिए सामान खरीदने में खर्च कर दिया और अब उनके पास सिर्फ 450 रूपये बचे हुए हैं। वर्ष 1993 के मुंबई बम धमाकों में दोषी करार दिए जाने के बाद संजय दत्त पांच साल की सजा में शेष बचे 42 माह की सजा काट रहे थे। वह मई 2013 से सजा काट रहे थे। उनकी सजा इस वर्ष नवंबर में पूरी होनी थी लेकिन उनके अच्छे व्यवहार और अच्छे काम के कारण उन्हें हर माह सात दिनों की छूट दी गयी है। इसलिए उनकी सजा आज पूरी हुई। उन्होंने जेल रेडियो स्टेशन ‘रेडियो वाईसीपी’ के लिए भी अच्छा काम किया।

संजय दत्त की सजा घटाकर समय से पहले की जा रही रिहाई के खिलाफ बम्बई उच्च न्यायालय में कल एक जनहित याचिका दायर की गयी थी। सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भालेकर ने संजय दत्त की रिहाई के खिलाफ जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि अभिनेता के साथ विशेष बर्ताव किया जा रहा है।  संजय को सजा के दौरान कई बार पैरोल दिये जाने की भी निंदा की गई। मई 2013 और 2014 के बीच संजय ने लगभग 118 दिन जेल से बाहर बिताये। वर्ष 1993 मुंबई बम धमाकों के मामले की सुनवाई विशेष टाडा अदालत में 30 जून 1995 को शुरू हुई थी। करीब 12 साल बाद 18 मई 2007 को इस मामले की सुनवाई खत्म हुई। संजय दत्त टाडा के आरोपों से तो बरी हो गए लेकिन उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत छह साल की सजा सुनाई गई। हालांकि बाद में उच्चतम न्यायालय ने उनकी सजा पांच साल कर दी थी। उल्लेखनीय है कि 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाको में 257 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। 

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