जन सूचना मेले में आएं और इसका पूरा लाभ उठाएं: डॉ. आर.आर. भोंसले
24 फरवरी से 26 फरवरी तक सीहोर जिले के बाल विहार मैदान में पत्र सूचना कार्यालय, भोपाल द्वारा जन सूचना मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में केंद्र शासन एवं राज्य शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की बहुत सारी जानकारियां दी जाएंगी। जिला पंचायत, सीहोर के सभाकक्ष में आयोजित जन सूचना अभियान से संबंधित मीडिया कार्यशाला सह पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ. आर.आर. भोंसले, सीईओ, जिला पंचायत सीहोर ने मीडिया के जरिए लोगों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में मेले में आएं और इसका पूरा लाभ उठाएं। इस अवसर पर डॉ. भोंसले ने कहा कि मेले में विभिन्न स्टॉल्स के माध्यम से केंद्र और राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और साथ ही साथ लोगों की समस्याओं का समाधान करने की भी कोशिश की जाएगी। उन्होंने मीडिया से कहा कि वे इस मेले के बारे लोगों तक अधिक से अधिक जानकारी पहुंचाएं ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस मेले में शामिल हो सकें। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, स्वच्छ भारत अभियान, इंदिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना समेत तमाम योजनाओं के बारे में जानकारी दी। जन सूचना मेले का विवरण देते हुए डॉ. भोंसले ने कहा कि पहले दिन स्वच्छता मिशन के बारे में सम्मलेन होगा और जानकारियां दी जाएंगी। दूसरे दिन स्व सहायता समूह कार्यकर्ता सम्मेलन होगा और मेले के तीसरे व अंतिम दिन स्वरोजगार योजनाओं के हितग्राहियों का सम्मेलन होगा। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पत्र सूचना कार्यालय, भोपाल के सहायक निदेशक एवं मेले के नोडल अधिकारी श्री दीपक गणवीर ने मेले की रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मेले में गीत एवं नाटक प्रभाग के कलाकारों द्वारा गीत, संगीत एवं नृत्य नाटिकाओं द्वारा मनोरंजक तरीके से सरकारी योजनाओं की जानकारियां दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय की उज्जैन एवं झाबुआ इकाइयों द्वारा आस पास के गांवों में जाकर जन संवाद भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंचलिक विज्ञान केंद्र, भोपाल द्वारा विशेष प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें विज्ञान विषय से जुड़ी बहुत सारी सूचनाएं मिलेगी, जो खासतौर पर बच्चों के लिए काफी उपयोगी साबित होगा। श्री गणवीर ने कहा कि मेले में विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय द्वारा स्वच्छ भारत- स्वस्थ भारत थीम पर आकर्षक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जिसका लोग अधिक से अधिक फायदा उठा सकते हैं।
मानव संग्रहालय और आंचलिक विज्ञान केंद्र की प्रदर्शनियां सीहोर में पहली बार
सहायक निदेशक श्री दीपक गणवीर ने बताया कि जहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय की प्रदर्शनी आदि काल से वर्तमान तक मानव के विकास और सभ्यता के क्रमिक चरणों को रोचकता के साथ प्रदर्शित करेगी वहीं आंचलिक विज्ञान केंद्र की प्रदर्शनी अवलोकनकर्ताओं की विज्ञान संबंधी जिज्ञासा को जीवंत तरीके पूर्ण करेगी। उन्होंने कहा कि ये दोनों प्रदर्शनियां सीहोर जिले में प्रथम बार लगाई जा रही हैं, युवाओं और बच्चों के लिए अत्यधिक ज्ञानवर्द्धक होंगी।
प्रक्षेत्र दिवस में कृषकों ने समझा समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन
सी. आर. डी. ई. कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ, जिला सीहोर के तत्वाधान में केन्द्र के अंगीकृत ग्राम में गेहॅू फसल में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन तकनीक मे डाले गये प्रदर्षन अन्तर्गत प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ग्राम के प्रगतिषील कृषक श्री बाबूलाल दंागी, कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख श्री जे. के. कनौजिया, केन्द्र के वैज्ञानिक, डाॅ उपेष कुमार, संदीप टोडवाल व कार्यक्रम सहायिका, श्रीमति नीलोफर सिद्दकी मुख्य रूप से उपस्थिति थे। कार्यक्रम में कृषकों को मृदा स्वास्थ्य जाॅच की विधि व इसकी उपयोगिता, गेहॅू फसल में मृदा परीक्षण के आधार पर आवष्यक पोषक तत्वों का समन्वित प्रबंधन हेतु जैव उर्वरक, जैविक खादें व रासायनिक उर्वरकों की मात्रा व उपयोग विधि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। कृषक श्री कृपाल ंिसह दंागी, ग्राम बिछिया ने केन्द्र द्वारा अपने खेत पर डाले गये प्रदर्षन पर अपने अनुभवों पर चर्चा करते हुए कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा सर्वप्रथम हमारे खेत की मिट्टी की जाॅच कर गेहॅू फसल के लिए आवष्यक पोषक तत्वों की सिफारिष की गई तथा इन पोषक तत्वों का प्रबंधन करने हेतु एजोटोबेक्टर व पी. एस. बी से बीज उपचार, कम्पोष्ट खाद का उपयोग व रासायनिक उर्वरकों की मात्रा व उपयोग विधि की जानकारी दी गई जिसे अपने प्रदर्षन मे अपनाया। वर्तमान समय में फसल की बढवार, कल्लों की संख्या व बालियों मे दानो की संख्या को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि केन्द्र द्वारा प्रदर्षित तकनीक मे हमारी परम्परागत पद्वति की तुलना में 20 - 25 फीसदी अधिक उत्पादन प्राप्त होगा। कार्यक्रम के उपरान्त कृषकों ने केन्द्र द्वारा डाले गये प्रदर्षन का अवलोकन किया व अपनी जिज्ञासाओं का वैज्ञानिकों से समाधान प्राप्त किया। साथ ही कृषक उक्त तकनीक को अपनाने हेतु प्रेरित हुए।
सीहोर की धरती पर विदेशी सहित भारतीय कृषि वैज्ञानिकों का जमावड़ा !
सीहोर : इछावर तहसील के दीदाखेड़ी ग्राम पर दलहन वर्ष 2016 के अंतर्गत किसानों के बीच ICARDA, (इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रिकल्चर रिसर्च इन द ड्राइ एरीयाज़) के कार्यक्रम में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिकों का जमावड़ा रहा ! आपको बता दे के सरकार दलहन के उत्पादन के प्रति किसानों में जागरूकता पैदा करने तथा इसके उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के लिए वर्ष 2016 को दलहन उत्पादन वर्ष के रूप में मना रही है ! लेबनॉन से आए महानिदेशक डॉ मेहमूद सोल ने किसानो को सम्भोदित करते हुए कहा कि :- में प्रसन्न हु के आप किसानो के बीच हु , भारत दुनिया में दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और यहां इसकी खपत भी सबसे अधिक है और यह इसका दुनिया में सबसे बड़ा आयातक देश भी भारत ही है। क्षेत्रीय समन्वयक डॉ आशुतोष सरकार ने कहा कि दलहन की ज्यादा पैदावार देने वाले बीजों की प्रजातियों के शोध पर भी हम अधिक जोर दे रहे हैं। किसानो के ज्ञान और आधुनिक तकनीकी विज्ञान के समावेश करने से कृषि फायदे का धंधा बनेगा और किसानो के जीवन स्तर में सुधार आयेगा। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर से आए निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.के. श्रीवास्तव ने कहा कि देश में सर्वाधिक कृषि विकास दर हासिल करने में इस वर्ष मध्यप्रदेश अव्वल रहा है। बदलती जलवायु और अनगिनत भौतिक कारणों के बावजूद ज्यादा कृषि विकास दर हासिल करने का चमत्कार हुआ है खेती का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में नवीनतम तकनीक का प्रसार एवं कृषि शिक्षा भी अहम भूमिका निभाती है ! तो वही दलहन विकास निदेशालय भोपाल से आए डॉ ए के तिवारी ने दलहन उत्पादन को बढावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहन किया ! भारतीय कृषि वैज्ञानिकों और विदेशी वैज्ञानिकों के दल ने किसानों के खेतों का भी मुआयना किया ! दलहन वर्ष 2016 के अंतर्गत किसानों के इस कार्यक्रम आर ए के कृषि महाविद्यालय सीहोर की डीन डॉ (श्रीमति ) एस बी ताम्बी , आर.ए.के कृषि महाविद्यालय सीहोर के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी चना मुख्य केंद्र सीहोर डॉ.डी आर सक्सेना, प्रभारी MULLaRP (अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना) प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ आर पी सिंह , प्रधान वैज्ञानिक डॉ रामगिरी , डॉ. एस. सी. गुप्ता, डॉ अशोक सक्सेना , पत्रकार बंधू , छात्रों सहित किसान बंधू भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे !
सीहोर की धरती पर विदेशी सहित भारतीय कृषि वैज्ञानिकों का जमावड़ा !
- दलहन वर्ष 2016 के अंतर्गत किसानों के बीच किया कार्यक्रम !
सीहोर : इछावर तहसील के दीदाखेड़ी ग्राम पर दलहन वर्ष 2016 के अंतर्गत किसानों के बीच ICARDA, (इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रिकल्चर रिसर्च इन द ड्राइ एरीयाज़) के कार्यक्रम में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिकों का जमावड़ा रहा ! आपको बता दे के सरकार दलहन के उत्पादन के प्रति किसानों में जागरूकता पैदा करने तथा इसके उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के लिए वर्ष 2016 को दलहन उत्पादन वर्ष के रूप में मना रही है ! लेबनॉन से आए महानिदेशक डॉ मेहमूद सोल ने किसानो को सम्भोदित करते हुए कहा कि :- में प्रसन्न हु के आप किसानो के बीच हु , भारत दुनिया में दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और यहां इसकी खपत भी सबसे अधिक है और यह इसका दुनिया में सबसे बड़ा आयातक देश भी भारत ही है। क्षेत्रीय समन्वयक डॉ आशुतोष सरकार ने कहा कि दलहन की ज्यादा पैदावार देने वाले बीजों की प्रजातियों के शोध पर भी हम अधिक जोर दे रहे हैं। किसानो के ज्ञान और आधुनिक तकनीकी विज्ञान के समावेश करने से कृषि फायदे का धंधा बनेगा और किसानो के जीवन स्तर में सुधार आयेगा। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर से आए निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.के. श्रीवास्तव ने कहा कि देश में सर्वाधिक कृषि विकास दर हासिल करने में इस वर्ष मध्यप्रदेश अव्वल रहा है। बदलती जलवायु और अनगिनत भौतिक कारणों के बावजूद ज्यादा कृषि विकास दर हासिल करने का चमत्कार हुआ है खेती का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में नवीनतम तकनीक का प्रसार एवं कृषि शिक्षा भी अहम भूमिका निभाती है ! तो वही दलहन विकास निदेशालय भोपाल से आए डॉ ए के तिवारी ने दलहन उत्पादन को बढावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहन किया ! भारतीय कृषि वैज्ञानिकों और विदेशी वैज्ञानिकों के दल ने किसानों के खेतों का भी मुआयना किया ! दलहन वर्ष 2016 के अंतर्गत किसानों के इस कार्यक्रम आर ए के कृषि महाविद्यालय सीहोर की डीन डॉ (श्रीमति ) एस बी ताम्बी , आर.ए.के कृषि महाविद्यालय सीहोर के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी चना मुख्य केंद्र सीहोर डॉ.डी आर सक्सेना, प्रभारी MULLaRP (अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना) प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ आर पी सिंह , प्रधान वैज्ञानिक डॉ रामगिरी , डॉ. एस. सी. गुप्ता, डॉ अशोक सक्सेना , पत्रकार बंधू , छात्रों सहित किसान बंधू भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे !

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