नयी दिल्ली, 24 फरवरी, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने उन पर शिक्षा का भगवाकरण करने के विपक्ष के आरोपों को आज सिरे से खारिज करते हुये कहा कि कोई भी कुलपति इस बात को साबित कर दे तो वह राजनीति छोड़ देंगी। श्रीमती ईरानी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय तथा हैदराबाद विश्वविद्यालय की हाल की घटनाओं के कारण उत्पन्न स्थिति पर लोकसभा में करीब साढ़े चार घंटे हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही। उनके जवाब के बीच में ही कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गये थे।
मानव संसाधन मंत्री ने विपक्ष मुख्यरूप से कांग्रेस पर हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि जेएनयू में कुछ छात्र राष्ट्रविरोधी तथा भड़काने वाली गतिविधियां चलाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो कुछ ये छात्र कहते रहे हैं उसे अभिव्यक्ति की आजादी नहीं कहा जा सकता और सवाल किया कि क्या कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस आजादी का समर्थन करते हैं। श्रीमती ईरानी ने अपने जवाब के शुरू में कहा कि कुछ सांसदों का नाम लेकर कहा कि उन्होंने केंद्रीय स्कूलों में भर्तियों के लिये उन्हें पत्र लिखा था। इसका विरोध करते हुए कांग्रेस, वामपंथी दलों, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य सदन के बीचोंबीच आ गये और फिर उन्होंने बहिर्गमन किया।

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