पटना 08 मार्च, बिहार सरकार गंगा नदी में इलाहाबाद से हल्दिया तक इंटेग्रेटेड नेशनल इनलैंड वाटरवेज ट्रांसपोटेशन ग्रिड ( आई एन आई डब्लू टी जी) के तहत गंगा नदी में बराज श्रृंखला बनाये जाने का अदालत में विरोध करेगी । विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिये जल संसाधन विभाग के बजट मांग पर हुए चर्चा का जवाब देते हुए विभाग के मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार आई एन आई डब्लू टी जी के तहत गंगा नदी में इलाहाबाद से हल्दिया तक बराज श्रृंखला बनाये जाने की तैयारी कर रही है । उन्होंने कहा कि इस परियोजना से गंगा नदी के निरंतरता , अविरलता और निर्मलता पर खतरा उत्पन्न हो गया है । श्री सिंह ने कहा कि पर्यावरण पर इस परियोजना के होने वाले प्रभाव का आकलन कराये बिना ही इसे पूरा करने के लिये कदम आगे बढ़ाना ठीक नहीं है । उन्होंने कहा कि इस संबंध में केन्द्र का ध्यान बिहार सरकार ने आकृष्ट किया है । उन्होंने कहा कि इसके बावजूद केन्द्र सरकार इस परियोजना को क्रियान्वित करने की तैयारी में है । मंत्री ने कहा कि इस परियोजना को चुनौती देने के लिये कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( एन जी टी ) का दरवाजा खटखटाया है । उन्होंने कहा कि बिहार सरकार भी आवश्यकता पड़ने पर अदालत में इस परियोजना को चुनौती देगी ।
श्री सिंह ने कहा कि इस परियोजना के क्रियान्वित होने पर गंगा नदी में गाद काफी बढ जायेगा । गाद बढ़ने से बिहार में गंगा नदी के किनारे बसे शहर और गांवों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो जायेगा । उन्होंने कहा कि बिहार के साथ नाइंसाफी बर्दास्त नहीं की जायेगी। मंत्री ने कहा कि फरक्का बराज बनने के बाद ऐसे ही गंगा नदी में पानी का प्रवाह पहले से कम हो गया है । इसके कारण अपस्ट्रीम में सिल्ट जमा होने , जल निस्सरण क्षमता में कमी होने के साथ -साथ इसका कुप्रभाव उत्तर बिहार में बाढ़ की प्रबलता और बारंबारता के बढ़ जाने के रूप में सामने आया है । श्री सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने कोसी बेसीन से पश्चिम की ओर कमला तथा बागमती - अधवारा बेसिनों के बीच के नदियों को जोड़कर जलान्तरण करने तथा बूढ़ी गंडक के जल के अंतरण की योजना बना रही है । मंत्री के जवाब से असंतष्ट होकर मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी:भाजपा: के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया । बाद में जल संसाधन विभाग समेत लघु जल संसाधन और योजना विभाग के वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट मांग को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया ।

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