पटना 09 मार्च , बिहार विधानसभा में आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन से जेल में मुलाकात करने वाले राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर के इस्तीफे की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया । विधानसभा में कार्यवाही शुरु होते ही नेता प्रतिपक्ष डा. प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जेल नियमावली का उल्लंघन कर एक सजायाफ्ता के साथ जेल में दरबार लगा रहे है । सरकार बताये कि अब कहा है कानून का राज । उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है । मंत्री इस्तीफा दे अन्यथा मुख्यमंत्री उन्हे मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें । इसके बाद भाजपा के सदस्य शोरगुल और नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गये ।सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष से भाजपा सदस्यों को अपनी सीट पर बुलवाने का आग्रह किया । उन्होंने कहा कि यह अच्छा तरीका नहीं है कि नेता प्रतिपक्ष एक ओर बोल रहे है वहीं दूसरी ओर भाजपा सदस्य नारे लगा रहे है।
सभाध्यक्ष ने शोरगुल और हंगामे के बीच प्रश्नकाल को जारी रखा । हंगामे के कारण किसी भी सवाल का जवाब ठीक से नहीं सुना जा सका। मंत्री के जवाब के दौरान नेता प्रतिपक्ष लगातार बोलते रहे । उन्होंने कहा कि मंत्री का एक सजायाफ्ता के साथ जेल में दरबार लगाये जाने से राज्य की छवि खराब हुयी है और पूरे देश में गलत संदेश गया है। डा. कुमार ने कहा कि यह सत्ता और अपराधियों के गठजोड़ का पुख्ता प्रमाण है । इससे राज्य में कानून के राज के दावे का माखौल उड़ रहा है। पूरे राज्य में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। पुलिस अबतक बलात्कार के मामले में आरोपी राजद के विधायक राज वल्लभ यादव को पकड़ने में विफल रही है ।
उधर भाजपा के सदस्य ..अपराधियों को संरक्षण देना बंद करो , जेल में सज रहा है शहाबुद्दीन का दरबार , नीतीश सरकार शर्म करो.. के नारे लगा रहे थे । शोरगुल के बीच ही संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सदन में किसी भी विषय को उठाने के लिए नियमावली बनी हुयी है और उसके अनुरुप कोई भी सदस्य किसी भी विषय को सदन में उठा सकता है, लेकिन भाजपा सदस्यों का संसदीय परंपरा में विश्वास नहीं है। वे प्रश्नकाल को बाधित कर राज्य की जनता का नुकसान कर रहे है। भाजपा के सदस्य शोरगुल और नारेबाजी करते रहे ।सभाध्यक्ष ने किसी तरह प्रश्नकाल को पूरा कराने की कोशिश की लेकिन हंगामे के कारण सदन को अव्यवस्थित देख सभा की कार्यवाही को करीब 25 मिनट बाद ही भोजनावकाश के लिए दो बजे दिन तक स्थगित कर दी ।

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