नयी दिल्ली, 09 मार्च केन्द्र सरकार और सात राज्यों ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले पर पुनर्विचार करने की आज मांग की, जिसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के अलावा सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की तस्वीर प्रकाशित करने पर रोक लगाई गई थी। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति पी सी घोष की खंडपीठ ने केन्द्र और सात राज्यों द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। केन्द्र और राज्य की तरफ से पेश वकीलों ने कहा कि सरकारी विज्ञापनों में प्रधानमंत्री के अलावा केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और अन्य राज्यमंत्रियों की तस्वीरों के प्रकाशन की भी अनुमति देनी चाहिए।
पीठ ने गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की एक अन्य याचिका पर दिल्ली और तमिलनाडु सरकार को भी नोटिस जारी किया। गैर सरकारी संगठन की याचिका में सरकारी विज्ञापनों पर उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए दिल्ली सरकार और तमिलनाडु सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरु करने की मांग की गई है। पीठ ने दिल्ली और तमिलनाडु से इस नोटिस पर छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए है।

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