लंदन, 12 मार्च, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन का मानना है कि इंग्लैंड की मौजूदा टीम में वर्ष 2010 की विश्वकप सफलता को दोहराने की क्षमता नहीं है और वह भारत में चल रहे ट्वंटी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल तक का भी सफर तय नहीं कर पाएगी। पीटरसन ने एक समाचार पत्र काे दिये साक्षात्कार में कहा कि टीम 2010 की सफलता को दोहराने में विफल रहेगी क्योंकि टीम में कई एेसे खिलाड़ी हैं जो वहां की परिस्थितियों से अवगत नहीं है और हाल में टीम का प्रदर्शन भी उस लायक नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार का ट्वंटी-20 विश्वकप भारत , वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया में से ही कोई एक टीम जीत सकती है। इंग्लैंड की टीम 2010 में ट्वंटी-20 विश्वकप अपने नाम कर चुकी है। लेकिन उसके बाद से टीम एक बार भी फाइनल में नहीं पहुंची है और 2015 के एकदिवसीय विश्वकप में भी टीम नॉकआउट चरण तक भी नहीं पहुंच पाई।
35 वर्षीय पीटरसन ने कहा,“ मुझे लगता है कि इंग्लैंड के पास इयान मोर्गन ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो गेम चेंजर की भूमिका निभा सकता है। वह टीम के कप्तान है और उन्होंने भारत में कई सारे आईपीएल मैच खेले हैं। वह वहां की परिस्थितियों आैर अनुभवों का फायदा उठा सकते हैं।” पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत के रविचंद्रन अश्विन टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज और विराट कोहली सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बनकर उभरेंगे। दक्षिण अफ्रीका में जन्में पीटरसन ने 2005 में इंग्लैंड की तरफ से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरु किया था। लेकिन विवादों के कारण वर्ष 2013 के बाद वह जबरन इंग्लैंड की टीम से बाहर कर दिये गये थे।

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