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शुक्रवार, 18 मार्च 2016

संभव है कि सरकार जीएसटी बिल को भी ‘मनी बिल’ के रूप में लाये : रमेश

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नयी दिल्ली, 18 मार्च, कांग्रेस ने आज आशंका जतायी कि सरकार आधार विधेयक की तर्ज पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को धन विधेयक के रूप में पारित कराने का प्रयास कर सकती है ताकि राज्यसभा को नज़रअंदाज किया जा सके। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में यह अंदेशा जताया। आधार विधेयक को पारित कराये जाने के तौर तरीकों को राज्यसभा पर ‘सोच समझ कर किया गया हमला’ करार देते हुए श्री रमेश ने कहा कि जीएसटी प्रणाली लाने के लिये संविधान संशोधन विधेयक लाना होगा और इसके बाद जीएसटी का विधेयक आएगा। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि संविधान संशोधन पारित कराने के बाद सरकार जीएसटी को धन विधेयक के रूप में ले आये ताकि आधार विधेयक की तरह इसे भी राज्यसभा से बचा कर मनमाने ढंग से पारित करा लिया जाये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के वित्त मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, रक्षा मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री, ऊर्जा एवं कोयला मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, वन एवं पर्यावरण मंत्री आदि कई मंत्री राज्यसभा में हैं। इससे समझा जा सकता है कि उनकी राज्यसभा को नजरअंदाज करने की क्या साजिश है। 

श्री रमेश ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आधार विधेयक को संविधान के अनुच्छेद 110 का सहारा लेते हुए उसे धन विधेयक के रूप में पेश किया और लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उसे धन विधेयक के रूप में मान्यता भी दे दी। उन्होंने आरोप लगाया कि आधार विधेयक को धन विधेयक बनाने के लिये श्री जेटली ने संविधान के इस अनुच्छेद का गलत अर्थ पेश किया जबकि कई संविधान विशेषज्ञों ने आधार विधेयक को धन विधेयक बनाये जाने को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने भविष्य में सरकाराें के लिये राज्यसभा को दरकिनार करने का एक रास्ता खोल दिया है। उन्होंने आधार विधेयक में विपक्ष द्वारा संशोधन पेश किये जाने को संविधान के अनुच्छेद 109 के तहत राज्यसभा का अधिकार बताते हुए कहा कि राज्यसभा ने अपना धर्म निभाया। उसे आधार विधेयक में कमियाँ महसूस हुईं। उन्होंने 11 संशोधनों का सुझाव दिया था जिनमें से पांच पर मतदान के माध्यम से उच्च सदन के सिफारिश की थी पर लोकसभा में उन सिफारिशों को नकार दिया गया। उन्होंने दावा किया कि जीएसटी को भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता नहीं चाहते हैं। गुजरात सरकार भी उससे राज्य के राजस्व में नुकसान की आशंका से उचित नहीं मानती है। लेकिन ऐसा प्रदर्शित किया जा रहा है कि कांग्रेस इसे रोक कर खड़ी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर कांग्रेस की तीन माँगे हैं जिन पर वे सहमत होते लगते हैं। एक प्रतिशत राज्यों द्वारा कर लगाने को लेकर तथा दरों की सीमा को लेकर उनका विरोध केवल उसे संविधान में लिखने को लेकर है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर बातचीत होगी। 

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