पटना, 20 मार्च। अखिल भारतीय नौजवान संघ (।प्ल्थ्) ने आज यहां अमरनाथ रोड स्थित केदार भवन में ‘‘हम कैसा देष बनाना चाहते है?’’ विषय पर संघ के प्रदेष अध्यक्ष विजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता में सेमिनार योजित किया। सेमिनार का उद्घाटन करते हुये पटना विष्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रो॰ डैजी नारायण ने कहा कि आज देष में हिन्दुत्व के नाम पर जो हमले हो रहे हैं, वह अत्यन्त ही खतरनाक है। यह हिन्दुवादी ताकत देष की विभिन्नता, एकता एवं संस्कृति को तोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि छद्म राष्ट्रवाद के नाम पर केन्द्र की मोदी सरकार हमें मूल समस्याओं से भटकाना चाहती है। यह एक खतरनाक न्यू एजुकेषन पाॅलिसी लागू करना चाहती है, पूरी षिक्षा को निजीकरण एवं भगवाकरण करना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर कन्हैया ने सरकार के नीतियों के खिलाफ सवाल खड़ा किया तो देषद्रोह घोषित कर दिया गया। सवाल पूछने से देष कमजोर नहीं होता बल्कि और मजबूत होता है। उन्होंने कही कि हिन्दुवादी नेता हिन्दु धर्म की व्यापकता को संकुचित कर रहे हैं। इस धर्म में बहस का बहुत गुंजाइष है। किसी को बोलने की आजादी पर रोक नहीं लग सकती। आज दवा के बिना लोग दम तोड़ रहे है, बच्चे रोटी के बिना भूख से मर रहे है, इसके विरूद्ध अगर आवाज उठता है तो वह देषद्रोह हैं तो कन्हैया जैसे कितने देषद्रोह बनेंगे। हम सम्पन्न एवं समानता जनवाद एवं प्रगतिषील देष चाहते है।
बिहार के पूर्व छात्र नेता रामबाबू कुमार ने कहा कि यह हिन्दुवादी एवं संघवादी को आजादी से डर लगता है। इसलिए आजादी की लड़ाई में अग्रेजों के साथ खड़े थे, और आज आम आदमी के हक के विरूद्ध कारपोरेट के हित में खड़े है। गरीबी, बेकारी, भूखमरी एवं महंगाई के विरूद्ध उठ रहे आवाज को सदा के लिए बंद करना चाहते है। उन्होंने कहा कि कन्हैया के बहाने संघ परिवार पूरे वामपंथी जनवादी आन्दोेलन पर हमला बोल रहा है। पूर्व पत्रकार निवेदिता ने कही महिलाओं के साथ भेदभाव गरीबों, दलितों एवं अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वाली संघ परिवार राष्ट्रवाद के बहाने देष में फासीवादी हमले पर आमदा हैं। उन्होंने कही कि जवाहर लाल नेहरू विष्वविद्यालय एवं हैदराबाद विष्विद्यालय की घटनाएं इसकी शुरूआत है। उठने वाला अगला कदम और भी खौपनाक होगा। नौजवान संघ के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि सावरक के अनुसार भारत हमें इसलिए प्रिय है कि यह हमारी हिन्दु धर्म की गृह स्थली है। उन्होंने कहा कि अफजल गुरू का बरसी मनाने वाले देषद्रोह है, तो क्या? उसे शहीद बताने वाली पार्टी पी.डी.पी. और उसके साथ सरकार बनाने वाली भाजपा देषद्रोह क्यों नहीं? बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को शहीद बताने वाले देषद्रोह क्यों नहीं? युवा नेता प्रभाकर ने कहा कि संविधान के धारा 124ए का गलत इस्तेमाल कर कन्हैया एवं रोहित वेमुला से देषभक्त को देषद्रोह बताने वाली कार्रवाई को हम बर्दाष्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम किसान मजदूरों का शोषणविहीन एवं समतामूलक देष बनाना चाहते है।
नौजवान संघ के राज्य सचिव रौषन कुमार ने कहा कि हमारा उद्देष्य भगत सिंह के सपनों का देष है। उन्होंने भगत सिंह सपनों का देष बनाने के लिए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। 23 मार्च भगत सिंह शहादत दिवस से 14 अप्रैल बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर जयंती तक सेमिनार, विचार गोष्ठी आदि करने का बल दिया। इस अवसर पर एटक नेता रामलाला सिंह, अजय कुमार सिंह, युवा नेता रंजीत कुमार, बबन शर्मा, सुषील कुमार, षिवजी पासवान, अनिल सिंह, शकिम पासवान, हरीनााि यादव, कपिलदेव वर्मा, जय नारायण मंडल विकास झा, आदि बड़ी संख्या में नौजवान सेमिनार में अपना विचार व्यक्त किया।

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