नयी दिल्ली, 20 मार्च, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है कि उत्तराखंड में उसकी शह पर हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत हुई है और वह बागी विधायकों की खरीद फरोख्त कर रही है। वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि उत्तराखंड में जो राजनीतिक संकट की स्थिति पैदा हुई है उसका कारण कांग्रेस का अंतर्विरोध है। वहां पार्टी का एक व्यक्ति मुख्यमंत्री बनता है तो दूसरा उसे गिराने में लग जाता है। भाजपा का इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। श्री जेटली ने कहा कि अधिकांश विधायक कह रहे हैं कि उन्होंने वित्त विधेयक के खिलाफ मतदान किया लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने मत विभाजन के बिना इसे पारित लिया। यह अद्भुत स्थिति है जो संवैधानिक दायरे में आती है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र संख्या बल के आधार पर चलता है और अगर विधानसभा अध्यक्ष नाकाम विधेयक को पारित मान रहे हैं तो यह विचित्र स्थिति है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में कांग्रेस के नौ विधायकों ने रावत सरकार से बगावत कर ली है जिसके बाद भाजपा ने श्री रावत से इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह बागी विधायकों की खरीद फरोख्त में लगी है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च तक का समय दिया है। श्री जेटली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पारित राजनीतिक प्रस्ताव के बारे में जानकारी दे रहे थे। जब उनसे पूछा गया था कि क्या कार्यकारणी की बैठक में उत्तराखंड की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि इस बारे में भाजपा की नहीं बल्कि कांग्रेस कार्यकारिणी में चर्चा की जरूरत है। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु हर जगह अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा गिरायी है और क्षेत्रीय दलों की पिछलग्गू बनकर रह गयी है। दूसरी ओर भाजपा असम में गठबंधन की नेता है।

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