दूतावास ने कहा कि भारत को इस मसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है। इस संबंध में भारत सरकार के रूख में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। भारतीय दूतावास ने कहा है कि भारतीय समाज विविधता से भरा बहुलतावादी समाज है और उसका संविधान अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता भी शामिल है। किसी विदेशी संगठन को भारतीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के संबंध में निर्णय का अधिकार नहीं है। आयाेग ने अपनी ताजी रिपोर्ट में कहा है कि भारत बहुलतावादी तथा धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश है लेकिन उसे अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा या उन्हें न्याय देने के लिए लम्बा संघर्ष करना पडा है। आयोग ने कहा है कि वहां धर्म आधारित साम्प्रदायिक हिंसा होती रहती है। वर्तमान सरकार के आने के बाद इसमें वृद्धि हुई है।
सोमवार, 7 मार्च 2016
भारत ने अमेरिकी संगठन को वीजा न देने को न्यायोचित ठहराया
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