नयी दिल्ली, 20 मार्च, रेल बजट की घोषणाओं के अनुरूप रेलवे बोर्ड में ढाँचागत पुनर्गठन की प्रक्रिया की शुरु हो गयी है तथा बोर्ड को पेशेवराना स्वरूप देने के लिये क्रास-फंक्शनल निदेशालयों के गठन का काम आरंभ हो गया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 25 फरवरी को लोकसभा में रेल बजट 2016-17 पेश करते हुए रेलवे की 21 वीं सदी की जरूरताेें के अनुरूप रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन का खाका पेश किया था और यह भी कहा था कि डॉ. विवेक देबरॉय की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशें रेलवे के पुनर्गठन के विजन का आधार हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्री प्रभु ने भारतीय रेलवे के पुनर्गठन का काम शुरू कर दिया है। नये रेलवे बोर्ड में अब सदस्य (इंजीनियरिंग), सदस्य (इलैक्ट्रिकल्स), सदस्य (मैकेनिकल), सदस्य (स्टाफ), सदस्य (यातायात) एवं वित्त आयुक्त की जगह अब सदस्य (इन्फ्रास्ट्रक्चर), सदस्य (रोलिंग स्टॉक), सदस्य (पैसेंजर बिजनेस), सदस्य (फ्रेट बिजनेस), सदस्य (मानव संसाधन) और सदस्य (वित्त) होंगे।
सूत्रों ने बताया कि रेलवे में इस समय विभिन्न सेवाओं के लिये 14 अलग अलग संवर्गाें को संयोजित करके तीन या चार कैडर बनाये जाएंगे। इसके साथ रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के समकक्ष अधिकार संपन्न बनाया जायेगा। रेलवे बोर्ड ने गत सप्ताह अपने अधीन सभी उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधकों और सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) के प्रबंध निदेशकों को सीधे अध्यक्ष को रिपोर्ट करने के निर्देश जारी कर दिये हैं। वर्तमान में उत्पादन इकाइयों और पीएसयू के प्रमुखों को बोर्ड में संबंधित सदस्याें को रिपोर्ट करना होता है। इससे अध्यक्ष अब सदस्यों से एक दर्जा ऊपर हो जायेंगे। अभी तक रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष बोर्ड के सदस्यों में वरिष्ठतम लेकिन समकक्ष होता है। सूत्रों ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने क्रास फंक्शनल निदेशालय के गठन की प्रक्रिया की शुरूआत में सबसे पहले सिगनल एवं दूरसंचार को ढाँचागत सुविधाओं से एकरूप करते हुए उसे सदस्य इंजीनियरिंग के अधीन लाया गया है। गत सप्ताह इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें