नयी दिल्ली, 18 मार्च, देशद्रोह के आरोप में पिछले तीन सप्ताह से ज्यादा समय से तिहाड़ जेल में बंद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के दो छात्राें उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को पटियाला हाउस अदालत ने आज छह महीने की अंतरिम जमानत दे दी। इन दाेनों छात्राें पर जेएनयू परिसर में 09 फरवरी को आयोजित एक विवादित कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है। पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह ने अनिर्बान और खालिद में से प्रत्येक को 25 हजार के जमानती बाँड और उतनी ही राशि के मुचलके की शर्त के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया और साथ ही यह भी कहा कि दोनों छात्र अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान दिल्ली से बाहर नहीं जा सकेंगे। अनिर्बान और खालिद की तरह ही देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर छह महीने की अंतरिम जमानत पर तीन मार्च को रिहा कर दिया गया था।
दिल्ली पुलिस ने अनिर्बान और खालिद को जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए दलील दी थी कि नौ फरवरी को दोनों छात्रों ने एक ऐसी भीड़ का नेतृत्व किया था जो देश विरोधी नारे लगा रही थी। दोनों छात्रों का इरादा सरकार के खिलाफ नफरत फैलाना था लिहाजा यह सीधे तौर पर देशद्रोह का मामला बनता है। पुलिस का यह भी कहना था कि अनिर्बान और खालिद का मामला कन्हैया के मामले से अलग हैं लेकिन अदालत ने पुलिस की इस दलील को खारिज कर दिया। अदालत ने यह भी कहा कि अनिर्बान और खालिद ने अच्छी शिक्षा हासिल की है। उनकी विश्वसनीयता और परिवार की पृष्ठभूमि पर सरकार ने काेई सवाल नहीं उठाए हैं। दूसरी बात यह भी है कि भले ही इन दोनों पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हों पुलिस ने उनके खिलाफ वीडियो फुटेज की फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने में वक्त लगने की बात कही है, ऐसे में दोनों को छह महीने की अंतिरम जमानत दी जाती है।

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