माल्या जैसे मामलों से बैंकिंग सेक्टर की बदनामी : जेटली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


गुरुवार, 17 मार्च 2016

माल्या जैसे मामलों से बैंकिंग सेक्टर की बदनामी : जेटली

mallya-matter-in-banking-sector-slander-jaitley
नयी दिल्ली 17 मार्च, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि दिवालिया घोषित कारोबारी विजय माल्या जैसे मामलों से देश के बैंकिंग सेक्टर की बदनामी हुई है। श्री जेटली ने यहाँ एक निजी मीडिया हाउस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विजय माल्या के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में सीधे श्री माल्या का नाम लिये बिना कहा कि ऐसे मामलों से देश के बैंकिंग सेक्टर की बदनामी हुई है और इनका समाधान नहीं ढूँढ़ा गया तो यह भविष्य के लिए नुकसानदेह होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) की समस्या दो कारणों से है। इस समस्या का एक हिस्सा यह है कि अर्थव्यवस्था के कुछ सेक्टरों जैसे, इस्पात, कपड़ा, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि में मंदी है। कुछ समस्याएँ राज्य सरकारों की तरफ से भी है, विशेषकर बिजली वितरण कंपनियों से संबंधित। उन्होंने कहा कि जब इन सेक्टरों में दुबारा तेजी लौटेगी तो ये एनपीए नहीं रहेंगे। इनके समाधान के लिए इन सेक्टरों को मजबूत करना होगा। 

उन्होंने कहा, “दूसरी श्रेणी वह है जिसमें कुछ विशेष कंपनियों एवं पूँजीपतियों को बड़े कर्ज दिये गये। इनमें संभवत: पर्याप्त सिक्यूरिटी भी नहीं ली गई। यह चिंता का विषय है। मेरी समझ से इन मामलों को सेक्टर की मंदी के कारण बने एनपीए से अलग करके देखने की जरूरत है। ये ऐसे मामले हैं जो वास्तव में चिंता का विषय हैं क्योंकि इनमें कर्ज के साथ नैतिक पहलू भी जुड़ा है। इससे देश के बैंकिंग सेक्टर की बदनामी हुई है। यदि आप इसका समाधान नहीं ढूँढ़ सकते तो यह भविष्य के लिए नुकसानदेह होगा।” श्री माल्या पर बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है। उनकी विमान सेवा कंपनी किंगफिशर दिवालिया तथा कंपनी और श्री माल्या विल्फुल डिफॉल्टर घोषित किये जा चुके हैं। फिलहाल वह देश से बाहर हैं और कहा जा रहा था वह देश छोड़कर भाग गये हैं, लेकिन उन्होंने इसका खंडन किया है।

कोई टिप्पणी नहीं: