नयी दिल्ली 17 मार्च, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि दिवालिया घोषित कारोबारी विजय माल्या जैसे मामलों से देश के बैंकिंग सेक्टर की बदनामी हुई है। श्री जेटली ने यहाँ एक निजी मीडिया हाउस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विजय माल्या के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में सीधे श्री माल्या का नाम लिये बिना कहा कि ऐसे मामलों से देश के बैंकिंग सेक्टर की बदनामी हुई है और इनका समाधान नहीं ढूँढ़ा गया तो यह भविष्य के लिए नुकसानदेह होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) की समस्या दो कारणों से है। इस समस्या का एक हिस्सा यह है कि अर्थव्यवस्था के कुछ सेक्टरों जैसे, इस्पात, कपड़ा, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि में मंदी है। कुछ समस्याएँ राज्य सरकारों की तरफ से भी है, विशेषकर बिजली वितरण कंपनियों से संबंधित। उन्होंने कहा कि जब इन सेक्टरों में दुबारा तेजी लौटेगी तो ये एनपीए नहीं रहेंगे। इनके समाधान के लिए इन सेक्टरों को मजबूत करना होगा।
उन्होंने कहा, “दूसरी श्रेणी वह है जिसमें कुछ विशेष कंपनियों एवं पूँजीपतियों को बड़े कर्ज दिये गये। इनमें संभवत: पर्याप्त सिक्यूरिटी भी नहीं ली गई। यह चिंता का विषय है। मेरी समझ से इन मामलों को सेक्टर की मंदी के कारण बने एनपीए से अलग करके देखने की जरूरत है। ये ऐसे मामले हैं जो वास्तव में चिंता का विषय हैं क्योंकि इनमें कर्ज के साथ नैतिक पहलू भी जुड़ा है। इससे देश के बैंकिंग सेक्टर की बदनामी हुई है। यदि आप इसका समाधान नहीं ढूँढ़ सकते तो यह भविष्य के लिए नुकसानदेह होगा।” श्री माल्या पर बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है। उनकी विमान सेवा कंपनी किंगफिशर दिवालिया तथा कंपनी और श्री माल्या विल्फुल डिफॉल्टर घोषित किये जा चुके हैं। फिलहाल वह देश से बाहर हैं और कहा जा रहा था वह देश छोड़कर भाग गये हैं, लेकिन उन्होंने इसका खंडन किया है।

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