इस्लामाबाद 17 मार्च, पाकिस्तान में अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों से आतंकवादियों को नेस्तानाबूद करने के लिये सेना के अभियान के बाद इन इलाकों से पलायन किये करीब 10 लाख पाकिस्तानी नागरिकों को अब भी अपने घर लौटने का इंतजार है क्योंकि पर्याप्त सहायता के अभाव, जर्जर आधारभूत संरचना तथा हमले की आशंका के कारण इन विस्थापितों की वापसी के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे है। पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में हाल के वर्षों में संघर्ष के कारण करीब 50 लाख तीस हजार लोग विस्थापित हुये थे जिनमें से ज्यादातर लोग अपने घरों को लौट आये है लेकिन अब भी 10 लाख लोग अपने घर लौटने का इंतजार कर रहे है।
राज्य एवं सीमावर्ती क्षेत्रों के मंत्री अब्दुल कादिर बलूच ने रायटर से कहा कि बहुत से आतंकवादियों को विभिन्न इलाकों से खदेडे जाने संबंधी पाकिस्तानी सेना के बयान के बावजूद ये समस्यायें स्थाई रूप ले चुकी है, जबकि स्थानीय लाेग अपने घरों को लौटना और सामाजिक जीवन जीना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “ हमारी सेना के लिये यह बहुत बडी जिम्मेदारी है। हमें अपने ही स्तर पर इन समस्याओं को सुलझाना है। आतंकवाद हमारे देश की ही नहीं बल्कि समूचे विश्व की समस्या है।” श्री बलूच ने कहा कि शरणार्थी शिविरों में रह रहे अथवा नगरों में तंगहाली की स्थिति में जीवन बिता रहे लोग वापसी के लिये बेचैन हैं। उन्होंने कहा कि विस्थापितों में से 40 लाख से अधिक लोग घरों को लौट आये है जबकि सरकार का लक्ष्य है कि शेष विस्थापित भी वर्ष 2016 की समाप्ति तक अपने घरों को लौट आये।

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