नयी दिल्ली, 10 मार्च, भारत एवं पाकिस्तान के बीच विदेश सचिवों की दो माह से टलती आ रही बैठक आखिरकार नेपाल के पोखरा में होने की संभावना है जिससे दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात और समग्र शांति वार्ता की बहाली की उम्मीद लगायी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी की अचानक लाहाैर यात्रा से बंधी उम्मीदों को पठानकोट हमले से करारा झटका लगा था जिसके बाद पहले से तय विदेश सचिव एस जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा टल गयी थी। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एवं विदेश सचिव स्तर पर चल रहे निरंतर संपर्क के बाद पाकिस्तान द्वारा पठानकोट के अपराधियों के खिलाफ की गयी पहलकदमी से पाेखरा में दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर आने की आशा की जा रही है। नेपाल के मशहूर पर्यटक स्थल पोखरा में 14 से 17 मार्च के बीच दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर भी जाएंगे। वहाँ पाकिस्तान सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज और पाकिस्तानी विदेश सचिव भी होंगे।
दोनों देशों के बीच करीब तीन माह पहले हुए औपचारिक संपर्क एवं संवाद के तीन माह बाद दोनो पक्षों के नेता एवं अधिकारी फिर एक दूसरे से रूबरू होंगे। लेकिन पठानकोट हमले के बाद के हालात में दोनों पक्षों के बीच संपर्क और संवाद को औपचारिकता से दूर रखे जाने और ठोस परिणाममूलक बनाने पर ध्यान केन्द्रित होगा। पोखरा में 14 और 15 मार्च को संयुक्त सचिव स्तरीय तथा 16 मार्च को सचिव स्तरीय बैठक होगी। मंत्रिस्तरीय बैठक 17 मार्च को होनी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने यहाँ नियमित ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में बताया कि पोखरा में भारत और पाकिस्तान के बीच मंत्रिस्तरीय अथवा सचिव स्तरीय बैठक होने का कोई कार्यक्रम नहीं है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गत वर्ष 25 दिसंबर को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के जन्मदिन के मौके पर हुई लाहौर यात्रा के दौरान जनवरी मध्य में दोनों देशों के विदेश सचिवों की बैठक तय हुई थी जिसमें भारत एवं पाकिस्तान के बीच समग्र शांति वार्ता बहाल करने की रूपरेखा पर बात होनी थी। लेकिन दो जनवरी को पठानकोट आतंकवादी हमले के बाद हालात बदल गये और अंतत: विदेश सचिवों की बैठक टल गयी। दोनों पक्षों ने जिम्मेदाराना व्यवहार दिखाते हुए इस बैठक को ‘बहुत निकट भविष्य’ में किये जाने का ऐलान किया था। पर दो माह बीत जाने के बावजूद यह ‘बहुत निकट भविष्य’ उतना निकट साबित नहीं हुआ।

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