पटना,18 मार्च, बिहार विधान परिषद में सरकार ने आज स्वीकार किया कि नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया जा सका । शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के संजीव श्याम सिंह के एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रारंभिक स्कूलों के नियोजित शिक्षकों को नवम्बर तक का वेतन भुगतान कर दिया गया है । इन शिक्षकों को नये वेतनमान के अनुरूप भुगतान किया गया । उन्होंने कहा कि वेतन मद की राशि सभी जिलों में उपलब्ध करा दी गयी है । श्री चौधरी ने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जाता है और केन्द्र सरकार ने इस मद में राशि की कटौती की है । इस योजना के मद में केद्रांश में की गयी कटौती के कारण शिक्षकों के वेतन भुगतान में कठिनाई हो रही है । उन्होंने कहा कि इसमें कटौती कर 60 और 40 प्रतिशत कर दिया गया ।
श्री चौधरी ने कहा कि इन सबके बावजूद राज्य सरकार ने नवम्बर तक का वेतन भुगतान कर दिया है । राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए वचनबद्ध है । उन्होंने कहा कि इसी तरह माध्यमिक शिक्षकों का वेतन भुगतान मार्च तक कर दिया गया है । शिक्षा मंत्री ने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभ पहुंचाना था लेकिन अब इस पर पूरी तरह से राजनीति हो रही है । नियोजित शिक्षकों के मामले में पहले सभी राजनीतिक दल एकजुट थे लेकिन अब ऐसा नहीं है । उन्होंने मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी के दरवाजे पर जाकर बैठते तो सरलता से राशि मिल जाती । श्री चौधरी ने कहा कि पूर्व में सभी दलों ने कहा था कि नियोजित शिक्षकों का वेतन बढ़ना चाहिए और अब इस पर राजनीति की जा रही है । उन्होंने कहा कि केन्द्रांश नहीं मिलने पर भी शिक्षकों को वेतन दिया जायेगा । सरकार इस दिशा में कारगर कदम उठा रही है ।
इस पर प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि चुनाव में वोट लेने के लिए नियोजित शिक्षकों का वेतन बढ़ा दिया गया और उन्हें छोड़ दिया गया । नियोजित शिक्षकों का वेतन समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है जिसके कारण उसके समक्ष कठिनाइयां आ रही हैं । उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति किये जाने की जानकारी भी केन्द्र सरकार को नहीं दी गयी । इस दौरान शिक्षा मंत्री और प्रतिपक्ष के नेता के बीच नोक-झोक भी हुई । श्री चौधरी ने भाजपा के रजनीश कुमार और अन्य के सवाल के जवाब में कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत वर्ष 2015-16 में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के 45 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं का राज्य के 3695 निजी स्कूलों में नामांकन हुआ है । उन्होंने कहा कि आने वाले सत्र में इसे और प्रभावी बनाया जायेगा । उन्होंने स्वीकार किया कि अभी यह प्रभावी ढ़ंग से नहीं हो पा रहा है । बाद में प्रतिपक्ष के नेता श्री मोदी ने अपने कक्ष में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार अपना ही राज्यांश खर्च नहीं कर पायी । उन्होंने कहा कि 2954 करोड़ रुपये राज्यांश था जिसमें से 1677 ही खर्च हो पाया । उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों का वेतन बढ़ाये जाने की सूचना केन्द्र को नहीं दी गयी।

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