श्रीनगर 10 मार्च, नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का कहना है कि भारत से कश्मीर की ‘पूर्ण आजादी’ की मांग व्यावहारिक नहीं है लेकिन केंद्र सरकार को जम्मू -कश्मीर की जनता से विलय के समय किये गये वादों को जरूर पूरा करना चाहिए। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अब्दुल्ला ने कहा ,“ हम कश्मीर मसले के हल के लिए भारतीय संविधान के तहत पूर्ण स्वायत्तता की मांग दोहराते हैं ।” जम्मू कश्मीर के मुद्दे के हल के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू करने की अलगाववादी संगठनों की मांग पर टिप्पणी करते हुए श्री अब्दुल्ला ने कहा कि इसके लिए अलगाववादी संगठन पहले पाकिस्तान से आग्रह करें कि वह अपनी सेना पीछे हटाये, जो संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव की पहली शर्त है।
श्री अब्दुल्ला से जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश तथा जम्मू को पृथक राज्य बनाने और कश्मीर को आजादी देने की कांग्रेस के एक नेता की उस सलाह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा ,“ मैं यह नहीं समझ पाता हूं कि अगर जम्मू और लद्दाख को पृथक राज्य बनाया गया और कश्मीर को आजादी दे दी गयी तो हम कैसे रहेंगे। हमारे पास कोई समुद्री रास्ता नहीं है। इसकी क्या गारंटी है कि चीन हमारी नदियों पर हमला नहीं करेगा। क्या पाकिस्तान भी कोई हमला नहीं करेगा।” उन्होंने कहा,“ हम किस बूते बचे रहेंगे। हम दो किलोग्राम आटे और तीन किलोग्राम चावल के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। मेरे कहने का मतलब है कि हमें यह सब कहां से मिलेगा। हमें आजादी की बात करने से पहले अपने पैरों पर खड़ा होना होगा। कोई भी कर देने के लिए तैयार नहीं है। हमारे पास आय का कोई स्रोत नहीं है। हम बिजली बिल का भी भुगतान नहीं कर रहे तो हम इन परिस्थितियों में बचे कैसे रहेंगे। आजादी की मांग को लेकर की जाने वाली बातें बस चर्चा में अच्छी हैं लेकिन ये व्यावहारिक नहीं है।

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