नयी दिल्ली 10 मार्च, बैंकाें का हजारों करोड रूपये का कर्ज देने से बच रहे उद्योगपति विजय माल्या के चुपके से देश से निकल जाने का मुद्दा आज संसद के दोनों सदनों में जोर शोर से उठा और विपक्ष ने इसके लिए सरकार को कठघरे में खडा किया जबकि सरकार ने कहा कि उनसे पूरी राशि वसूलने में कोई कोर कसर नहीं छोडी जायेगी। कांग्रेस और वामदलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर वित्त मंत्री अरूण जेटली के जवाब पर असंतोष जताते हुए लोकसभा से बर्हिगमन किया। लोकसभा की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने यह मामला उठाया और सरकार से जवाब मांगा। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और प्रश्नकाल शुरू कर दिया ।
बाद में शून्यकाल के दौरान सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक के विधि अधिकारी ने श्री माल्या के देश से भाग जाने की आशंका जताई थी अौर उसके पासपोर्ट को जब्त करने की सलाह दी थी लेकिन उसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार एवं काले धन पर बड़े बड़े वादे करके सत्ता में आयी है तो फिर 9900 करोड़ रुपये का बकायादार उसी सरकार की आँख के सामने से कैसे विदेश भाग गया। जबकि प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या के लिये एक सतर्कता नोटिस जारी किया था ताे फिर 72 पारगमन द्वारों पर कोई सूचना क्यों नहीं दी गयी और सरकार माल्या को रोकने में कामयाब क्यों नहीं रही।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें