नयी दिल्ली 16 मार्च, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने तृणमूल कांग्रेस के 11 सदस्यों के रिश्वत लेने के स्टिंग आपरेशन वाले वीडियो की आज राज्यसभा में जांच कराये जाने की मांग की जबकि तृणमूल कांग्रेस ने वीडियो के साथ छेडछाड किये जाने का आरोप लगाते हुये स्टिंग करने वाले पत्रकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये। कार्यवाही शुरू होने पर उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और माकपा के तपन कुमार सेन सहित कुछ सदस्यों ने नियम 267 के तहत चर्चा के लिए नाेटिस दिया था जिसकी सभापति ने अनुमति नहीं दी है। इसके बाद श्री ब्रायन और माकपा के सीताराम येचुरी जोर जोर से बोलने लगे और दोनो दल के सदस्य हंगामा करने लगे। इसी दौरान श्री कुरियन ने कहा कि पहले श्री ब्रायन अपनी बात रखेंगे और उसके बाद श्री येचुरी को समय दिया जायेगा। श्री ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्यों को रिश्वत लेते हुये एक स्टिंग आपरेशन का वीडियो समाचार चैनलों पर चल रहा है। उन्होंने यह स्टिंग करने वाले पत्रकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुये कहा कि वीडियो के साथ कैप्शन चल रहा है कि इसके कंटेंट के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर चुनाव से पहले इस तरह के वीडियो प्रसारित किये जाने हैं। स्टिंग करने वाले पत्रकार की विश्वसनीयता की जांच होनी चाहिए और यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि उसके खाते में खाडी से धनराशि क्यों भेजी गयी है।
इस पर श्री येचुरी ने सरकार और तृणमूल कांग्रेस के बीच मैच फ्किसिंग का आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। इसी दौरान माकपा के सदस्य नारेबाजी करते हुये सदन के बीचोंबीच पहुंच गये और जोर जोर से बोलने लगे। श्री कुरियन ने माकपा सदस्यों को अपनी अपनी सीटों पर लौट जाने का आग्रह किया लेकिन वे सभापति के आसन के समक्ष डटे रहे और नारेबाजी करते रहे। इसी दौरान श्री येचुरी ने कहा कि सदन के सदस्यों पर धनराशि लेने के आरोप लगे हैं इसलिए इसकी सदन की समिति से जांच करायी जानी चाहिए। दूसरे सदन के सदस्यों के रिश्वत लेने के आरोप है इसलिए इसकी संयुक्त संसदीय समिति से भी जांच होनी चाहिए। श्री कुरियन ने कहा कि माकपा के सदस्य सभापति के आसन के समक्ष आकर नारेबाजी नहीं करते हैं और इस परंपरा का पालन किया जाना चाहिए। इस पर श्री येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी भी सदन की गरिमा का सम्मान करती है लेकिन इस सदन में भ्रष्टाचार को बढावा नहीं दिया जाना चाहिए। श्री कुरियन ने कहा कि यह सरकार पर है कि वह जांच कराना चाहती है या नहीं। इसके लिए आदेश नहीं दिया जा सकता है। यदि सरकार चाहे तो इसकी जांच करा सकती है। उन्होंने कहा कि विजय माल्या के मामले में पूरा सदन एकमत था इसलिए उन्होंने जांच कराने का आदेश दिया था लेकिन इस मामले में सदन का अलग अलग मत है इसलिए कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस स्टिंग में दिखाये गये अपने सभी 11 सदस्यों को क्लीन चिट दे चुकी है। श्री कुरियन ने माकपा सदस्यों के हंगामे के बीच शून्यकाल जारी रखा।

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