नयी दिल्ली, 12 मार्च, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की प्रशासक हेलेन क्लार्क ने आज यहाँ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भेंट कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा पिछले वर्ष घोषित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के मुद्दे पर भारत के योगदान पर चर्चा की। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार न्यूजीलैण्ड की पूर्व प्रधानमंत्री सुश्री क्लार्क के साथ एसडीजी के क़ियान्वयन पर चर्चा करते हुए श्रीमती स्वराज ने बताया कि भारत ने 17 में सात लक्ष्यों पर ठोस नीतियाँ एवं कार्यक्रम तैयार करके अमल करना शुरू कर दिया है। लैंगिक समानता एवं स्वच्छता संंबंधी कार्यक्रमों को प्रमुखता दी गयी है। विदेश मंत्री ने उन्हें यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान संसद के हर सत्र में एक दिन विशेष रूप से एसडीजी पर ही चर्चा करने का प्रस्ताव किया है।
सुश्री क्लार्क ने यूएनडीपी के बोर्ड में भारत की अहम भूमिका रेखांकित करते हुए माना कि जी-77 देशों में भारत दूसरा सर्वाधिक योगदान देने वाला देश है। श्रीमती स्वराज ने इब्सा कोष के संचालन यूएनडीपी के सहयोग की सराहना की। सूत्रों के अनुसार बातचीत में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। श्रीमती स्वराज ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ (आईएसए) के सचिवालय की स्थापना के बारे में भी बताया। यूएनडीपी प्रशासक ने प्राकृतिक आपदाओं को एसडीजी के लिये सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने भारत की आपदा प्रबंधन क्षमताआें तथा उसे आसपास के विकासशील देशों से साझा करने के प्रयासों की सराहना की। सुश्री क्लार्क की यूएनडीपी प्रशासक के रूप में यह तीसरी भारत यात्रा है। इससे पहले वह न्यूजीलैण्ड के प्रधानमंत्री के रूप में 2004 में भी भारत आयीं थीं।

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