आज की रोल मॉडल हैं ये ग्रामीण महिलाएं-डॉ.सुनीति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 8 मार्च 2016

आज की रोल मॉडल हैं ये ग्रामीण महिलाएं-डॉ.सुनीति


  • -इनर व्हील क्लब की सदस्यों ने मुस्तफापुर गांव की महिलाओं को किया सम्मानित
  • -आपको सम्मानित करके हमें हमें गर्व महसूस हुआ-नीरजा कुमारी

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बिहार अभ्युदय:शहर की ख़बरों को लिखते लिखते मैं काफी ऊब चूका था।ये तो नालंदा स्थित मुस्तफापुर गांव की ग्रामीण महिलाओं का जूनून था जिसने मुझे उस गांव तक जाने को मज़बूर कर दिया।मैं तहे दिल से उस गांव की महिलाओं,इनर व्हील क्लब की सदस्यों और अभिभावक तुल्य डॉ.सुनीति आंटी को विशेष धन्यवाद देता हूँ जिनके कारण पहली बार रूरल जर्नलिज्म करने का मौका मिला।कुछ दिन पहले मैंने मुस्तफापुर गांव की महिलाओं की मुहीम को लेकर एक खबर लिखी थी जिसका शिर्षक था'पुरुषों की दारू पर भारी महिलाओं की झाड़ू'जिसे पढ़ने के बाद डॉ.सुनीति मैडम ने मुझे कहा कि रजनीकांत महिला दिवस की असल रोल मॉडल तो ये ग्रामीण महिलाएं है जिन्होंने समाज से शराब जैसी बीमारी को खत्म करने की ठानी है।बता दें कि महिलाएं हाथ में झाड़ू और डंडा थाम कर बड़े आत्मविश्वास से निकलती हैं और घूम-घूम कर लोगों से शराब न पीने की अपील करती हैं। जो मानता है उसके लिए बधाई और जो नहीं मानता उनकी पिटाई होती है,क्यों न आज के दिन इन्हें सम्मानित करें।सुबह से हमलोग कार्यक्रम की तैयारी में जुटे थे।करीब चार बजे शाम में हमलोग मुस्तफापुर गांव की ओर निकल पड़े।मैं भी लोकेशन को लेकर थोडा कंफ्यूज था।आधा घंटे हमलोग टपली खाते रहें।सड़क ख़राब होने के कारण हमलोग पैदल ही चल पड़े।डॉ.सुनीति क्लब की अध्यक्ष नीरजा कुमारी,सचिव भावना वर्मा, डॉ.रंजना, डॉ.प्रेरणा,मंजू प्रकाश,मधु कंचन,शोभा रानी,डॉ.प्रीति रंजना के साथ हमलोग पैदल ही स्थल तक पहुँच गए जहाँ की महिलाओं को सम्मानित करना था।सैकड़ों महिलाओं की भीड़ हमें रिसीव करने सड़क पर पहुँच गयी।शहर में शायद ही कभी इस तरह वार्म वेलकम देखने को मिला हो।

पुरे ग्रामीण महिलाओं की इस वेलकम से हमलोग काफी खुश हुए।इस पुरे मुहिम को मुकम्मल तरीके से अंजाम तक पहुँचाने वाली ग्रामीण महिलाओं को शाल व छाता भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया।आँखों में अपनेपन का अहसास व उम्मीद ग्रामीण महिलाओं की आँख में स्पष्ट दिख रहा था।इस मौके पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष नीरजा कुमारी ने कहा कि आज मुझे आपको सम्मानित करके काफी ख़ुशी हो रही है।डॉ.सुनीति ने कहा कि इनका प्रयास सराहनीय है।इनको जब भी हमारी ज़रूरत महसूस होगी मैं क्लब व व्यक्तिगत रूप से खड़ी हूँ।बस फिर क्या था सभी महिलौएं व ग्रामीण खड़े होकर सभी सदस्यों के सम्मान में खड़ी होकर ताली बजाती रही व सभी सदस्यों को माला पहनाकर उन्हें सम्मानित किया।गांव के माहौल को देखकर सभी सदस्यों की ऑंखें भर आयी।पहली बार रूरल जर्नलिज्म की कुछ सार्थकता महसूस हुई और अहसास हुआ कि जर्नलिज्म करने के सही मायने गांव से ही जुड़ा है। इस अभियान की नेतृत्वकर्ता पिंकी देवी ने बताया कि शराब से पुरे गांव की महिलाएं परेशान थी।बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ रहा था तो हमने सोचा कि चाहे जो हो जाए, इस बुराई को जड़ से समाप्त कर देंगें।इस मौके पर छमिया देवी,लाखो देवी,चन्द्रकान्ति देवी,मुन्नी देवी,निभा देवी के अलावे दर्जनों महिलाएं ने मिलकर इसके खिलाफ मुहीम छेड़ दी।तीन सौ महिलाओं के इस ग्रुप में कुछ ही पढ़ी-लिखी हैं। बाकी ने भले पढ़ाई नहीं की लेकिन इस कुरीति के खिलाफ डट कर खड़ी हैं। 

इनका कहना है कि ये गांव के लोगों को नशामुक्त करके ही रहेंगी। इतना ही नही ये महिलाएं जब गांव में घूमती हैं तो सभी पुरुष जो नशा करते हैं इधर-उधर भाग जाते हैं। इसके बावजूद भी ये ऐसे लोगों को ढूंढ निकालती हैं और समझा देती हैं।सम्मान समारोह में मौजूद महिलाओं का कहना है की घर में पति अगर शराब पीता है तो बेटा भी उसका आदी हो जाता है लगता है और फिर पूरा घर परेशान होता है। जिसकी वजह से आए दिन झगड़े होते थे।लोग इस हद तक नशे में चूर हो गए थे कि जान तक ले लेने पर उतारू थे। इस ग्रुप की महिलाओं का कहना है कि इन्हीं सब मुद्दे को देखकर हम लोगों ने यह बीड़ा उठाया है और पूरे गावं के बड़े-बूढ़े और जवानों को शराब से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करने की ठानी ।

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