नयी दिल्ली 08 मार्च, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज राज्यसभा में सभी महिला सदस्यों ने संसद तथा विधानमंडलों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की एक स्वर में मांग करते हुए समाज में पुरूषों से अपने घर में महिलाओं को सम्मान तथा उनका हक देने के लिए अपनी सोच तथा मानसिकता में बदलाव लाने की बात कही। शून्यकाल के दौरान इन महिला सदस्यों ने यह भी कहा कि हर साल रस्मी तौर पर महिला दिवस मनाने की बजाय समाज में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने तथा उन्हें उचित सम्मान देने तथा उनका सशक्तिकरण करने की जरूरत है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति डा. हामिद अंसारी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपना संदेश पढ़ा और इस बात पर गहरी चिन्ता व्यक्त की कि समाज में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही है और उन्हें पुरूषों के समान अधिकार तथा अवसर नहीं मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश के सतत विकास के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण होना जरूरी है तथा लोगों की मानसिकता में भी बदलाव लाए जाने की आवश्यकता है। इसके बाद अल्पसंख्यक मामलों की केन्द्रीय मंत्री डा. नज्मा हेपतुल्ला, कांग्रेस की अम्बिका सोनी, विप्लव ठाकुर, शैलेजा, रेणुका चौधरी, रजनी पाटिल तथा अन्नाद्रमुक की शशिकला पुष्पा ने एक स्वर में महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा में पारित कराने की मांग की। उपसभापति पी जे कुरियन ने भी कहा कि राज्यसभा ने महिला आरक्षण विधेयक पारित कर दिया है, अब लोकसभा को इसे पारित करना है। उन्होंने यह उम्मीद जतायी कि लोकसभा एक दिन इस विधेयक को पारित करेगी।

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