नयी दिल्ली,24 अप्रैल, भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया संबंधी विवादित बयान देने के कुछ ही दिन बाद जम्मू कश्मीर में महिला अलगाववादी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की प्रमुख आयशा अंद्राबी से मुलाकात की थी लेकिन उन्होंने इस बात को तब तक छिपाए रखा जब तक कि अलगाववादी संगठन ने आज खुद इसका खुलासा नहीं कर दिया। सरकारी सूत्रों ने भी श्री बासित के आवास पर नौ अप्रैल को उनके और अंद्राबी के बीच हुई बैठक की पुष्टि कर दी है। दुख्तरान-ए-मिल्लत की ओर से जारी एक बयान के अनुसार बैठक के दौरान श्री बासित ने कहा कि कश्मीर विभाजन के समय का एक अनसुलझा मुद्दा है और पाकिस्तान कश्मीर की जनता को हमेशा सहयोग करता रहेगा।
उच्चायुक्त ने आसिया अंद्राबी को भरोसा दिलाया कि पाकिस्तान कश्मीर पर अपनी नीतियों के लिए प्रतिबद्ध है।
पाकिस्तानी उच्चायुक्त उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने फॉरेन कॉरेस्पॉडेंट्स क्लब 7 में भारतीय मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा था,“ दोनों देशों के बीच कोई बैठक प्रस्तावित नहीं है और मुझे लगता है कि इस वक्त शांति प्रक्रिया स्थगित है।” उन्होंने कहा था कि भारत अभी भी तैयार नहीं है आैर हम केवल बातचीत के जरिए ही मुद्दों को सुलझा सकते हैं। हांलाकि उसी शाम पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने उनके बयान का खंडन करते हुए कहा कि दोनाें देश लगातार संपर्क में हैं।

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