बेचारगी में जीता किसान
प्रद्योत कुमार,बेगूसराय।, भारत का सबसे बड़ा उद्योग कृषि और उस उद्योग का मालिक किसान अपने लिए दो वक्त की रोटी या यूँ कह सकते हैं कि अपने अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करने में भी सक्षम नहीं है क्योंकि किसान और खेती को राजनेताओं ने राजनीतिक अखाड़ा बना डाला है।संभावनाओं के बीच जीता है इस देश का सबसे बड़ा उद्योगपति,किसान। इसी संभावनाओं के बीच अभी जी रहा है बेगूसराय का किसान।आपका मामला आगे भेज दिया गया है,ख़बर आने पर सूचित किया जाएगा,ऐसा कहते हैं इस ज़िला के आला ऑफिसर। लगभग 20-25 दिनों के अंदर बेगूसराय ज़िला में 2899 हेक्टेयर खेतों में काटने योग्य तैयार फसल ख़ास कर गेहूं आग में जल कर राख हो गया,ये आंकड़ा ज़िला कृषि पदाधिकारी ने दूरभाष पर दी,यह पूछने पर कि किसानों को कितना मुवाव्जा मिलेगा तो बात अनुसंशा पर जा लटकी,खैर। इस कड़ी धूप में जहां बारिस का एक बूँद तक नहीं है खेतों में,घरों में एक के बाद एक करके आग लगती गई और बेकाबू आग की लपटों में किसानों के सपने जलते चले गए और शेष बचा साल भर की भूख और जिल्लत। आग लगने की वजह जानने पर चौंकाने वाली बात सामने आयी वो ये कि कई जगहों पर तो आग बिजली विभाग की लापरवाही के कारण लगी है ढीले तार की वजह से स्पार्क और फिर आग हालांकि इस बात से सरकारी अधिकारी इनकार कर रहे हैं पर ज़मींनी सच्चाई यही है।बिजली विभाग ने तो पूरे ज़िले में तार नही बल्कि मौत की बिसात बिछा रखी है,इस विभाग की एक और ख़ास बात ये है कि यहाँ कोई किसी की नहीं सुनता है। लापरवाही किसी की भी हो,ज़िम्मेदारी किसी की होनी चाहिए,यहाँ तो ना लापरवाही किसी की ना ज़िम्मेदारी किसी की।कौन करेगा इतने बड़े नुकसान की भरपाई?????
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