नयी दिल्ली, 24 अप्रैल, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबला होने की संभावना व्यक्त करते हुये कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव के पूर्व वहां चौंकाने वाला चेहरा पेश करेगी। श्री नकवी ने कहा कि राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस राज्य में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस गठबंधन और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला होगा। उन्होंने राज्य की राजनीति परिस्थितियों को भाजपा के अनुकूल बताते हुये कहा कि इसका लाभ उसे मिलेगा। नवनियुक्त उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव मौर्य की सराहना करते हुये कहा कि वह जमीन से जुड़े प्रभावशाली नेता हैं और वहां पार्टी को नेतृत्व देने में सक्षम हैं। यह ध्यान दिलाने पर कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के चुनाव को सबसे बड़ा माना जाता है और यह चुनाव 2019 से पहले मोदी सरकार के लिये सेमीफाइनल हो सकता है फिर भी भाजपा ने किसी बडे चेहरे को पेश नही किया श्री नकवी ने कहा कि चुनाव आने दीजिये अच्छी खबर मिलेगी। पार्टी में नेताओं की कमी नहीं है और चुनाव के पहले चौंकाने वाले चेहरे को पेश करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने राज्य में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और वह वहां भय भूख और भ्रष्टाचार से मुक्त उत्तर प्रदेश के मुद्दे पर तथा सुशासन के आधार पर चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा हर लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों के लिये दो-दो पूर्णकालिक कार्यकर्ता को भेजा जा रहा है और बूथ के स्तर पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा के लिये राम मंदिर निर्माण राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह ध्यान दिलाने पर कि अखिलेश सरकार की लैपटाप योजना सराही गई और युवाओं में वह लोकप्रिय हैं। उनके खिलाफ सत्ताविरोधी लहर नहीं है, श्री नकवी ने कहा कि अखिलेश यादव अच्छा काम करना चाहते थे लेकिन वह कई लोगों से घिर गये और ‘बबुआ मुख्यमंत्री’ बनकर रह गये। श्री यादव पूरी तरह से विफल साबित हुये। भाजपा नेता ने कहा कि बसपा की जब-जब सरकार आई है पुलिस और बसपा कार्यकर्ताओं ने उगाही और अराजकता फैलाई है। इस शासन के दौरान जाति धर्म और भ्रष्टाचार की समस्या पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह सरकार के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति सबसे बेहतर रही है। दादरी और मुजफ्फरनगर कांड की चर्चा किये जाने पर श्री नकवी ने कहा कि दादरी में सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ था और यह दुभार्ग्यपूर्ण घटना थी। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले की जांच कराने और दोषियों को दंडित करने को कहा था भले ही उसमें भाजपा का ही कोई दोषी क्यों न हो। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इसमें कुछ नहीं किया।

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