बिहार : बेगूसराय में माले नेता गारो पासवान की हत्या के खिलाफ राज्यव्यापी प्रतिवाद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 20 अप्रैल 2016

बिहार : बेगूसराय में माले नेता गारो पासवान की हत्या के खिलाफ राज्यव्यापी प्रतिवाद

  • ताड़ी पर जीवनयापन करने वाले लोगों के लिए वैकल्पिक रोजगार के सवाल पर भी हुआ प्रदर्शन

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पटना 20 अप्रैल 2016, 15 अप्रील की रात बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर के चकरवासा गांव में माले के 65 वर्षीय वरिष्ठ महादलित नेता काॅ. रामेश्वर पासवान उर्फ गारो पासवान की हत्या के खिलाफ आज पूरे बिहार में प्रतिवाद दिवस आयोजित किया गया. बेगूसराय में डीएम के समक्ष धरना दिया गया. धरना को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि नीतीश शासन में गरीबों के नेताओं की लगातार हत्या हो रही है, लेकिन सरकार अपराधियों पर कोई कार्रवई नहीं कर रही है. इससे उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है. 

कुछ दिन पहले ही इसी जिले के बलिया प्रखंड के मकसुदनपुर में पार्टी के दो युवा नेता महेश राम व रामप्रवेश राम की हत्या भाजपा संरक्षित अपराधियों ने बर्बर तरीके से कर दी थी. दोनों हत्याकांडों के मूल में जमीन का सवाल है. माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि गारो पासवान की हत्या मकसुदनपुर की घटना की ही निरंतरता में है. न्याय के साथ विकास का वादा करने वाली सरकार इन घटनाओं पर मूकदर्शक बनी बैठी है. महादलितों को कहीं जमीन तो नहीं ही मिली, उलटे उन्हें सामंती ताकतों के दमन-उत्पीड़न का लगातार शिकार होना पड़ रहा है. नीतीश सरकार का यह रवैया बेहद निंदनीय है. धरनार्थियों ने माले नेताओं के हत्यारों को गिरफ्तार करने और आंदोलनकारी नेताओं पर से फर्जी मुकदमे की वापसी आदि सवाल उठाये.

ताड़ी पर जीवनयापन कर रहे लोगों के वैकल्पिक रोजगार के सवाल पर आज भाकपा-माले व खेग्रामस के बैनर से पूरे बिहार में प्रदर्शन हुआ. माले ने कहा है कि ताड़ी पर प्रतिबंध की वजह से जिन लोगों का रोजी-रोजगार छिन गया है, उस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए. इसकी बजाए सरकार ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों को परेशान कर रही है, मारपीट किया जा रहा है और कई जगहों पर उनके घरों व झोपडि़यों को तोड़ देने की भी खबरें आई हैं. भाकपा-माले सरकार के इस रवैये की तीखी आलोचना करती है. हमारी मांग है कि सरकार ऐसे तमाम लोगों के लिए वैकल्पिक रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराये और जब तक वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध नहीं होते, प्रति परिवार 10 हजार रुपया मुआवजे के बतौर उपलब्ध कराये जाएं. पटना जिले के मसौढ़ी, पालीगंज, विक्रम, नौबतपुर, भोजपुर, जहानाबाद, नालंदा, पूर्णिया, भागलपुर, सिवान, रोहतास आदि जिलों में आज के आंदोलन को लागू किया गया.

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