हेलिकॉप्टर सौदे में दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा : रक्षा मंत्रालय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016

हेलिकॉप्टर सौदे में दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा : रक्षा मंत्रालय

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नयी दिल्ली 28 अप्रैल, वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे के मामले में कांग्रेस और पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी के सभी आरोपों को खारिज करते हुए मोदी सरकार ने आज देकर कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। रक्षा मंत्रालय की ओर से इस मुद्दे पर यह विस्तृत स्पष्टीकरण रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्हाेंने इस मामले से जुडे सभी तथ्य संसद में विस्तार से रखने की बात कही थी। मंत्रालय ने कहा है कि रिश्वत देने में शामिल अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को संयुक्त प्रगितशील गठबंधन सरकार ने ब्लैकलिस्ट नहीं किया था। मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि मौजूदा सरकार ने 3 जुलाई 2014 के अपने आदेश में केन्द्रीय जांच ब्यूरो की प्राथमिकी में नामजद सभी छह कंपनियों से खरीद के मामलों पर रोक लगा दी थी। इन कंपनियों में इटली की फिनमकैनिका और उसकी सहयोगी अगस्ता वेस्टलैंड तथा चार अन्य कंपनियां शामिल थी। इसमें कहा गया है कि मौजूदा सरकार ने इसके बाद से इन कंपनियों से कोई खरीद नहीं की है। श्री पर्रिकर ने कांग्रेस को कल ही चुनौती देते हुए कहा था कि यदि दागी कंपनी पर उसकी सरकार ने प्रतिबंध लगाया था तो वह इससे संबंधित आदेश उन्हें दिखा सकती है। 

रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि कुछ लोगों ने कुछ तकनीकी मुद्दों पर सवाल उठाये हैं जो भ्रष्टाचार के मूल मुद्दे से ध्यान हटाने की मंशा से उठाये गये लगते हैं। इन हेलिकॉप्टरों की खरीद से जुडी जानकारी से पता चलता है कि इस मामले में मूल मुद्दा भ्रष्टाचार का है। मौजूदा सरकार ने सच्चाई सामने लाने के लिए प्रभावशाली कार्रवाई की है और सभी दोषियों को कठघरे में खडा करने में कोई कसर नहीं छोडी जायेगी। इस सौदे पर आठ फरवरी 2010 को हस्ताक्षर किये गये थे और यह सौदा एक जनवरी 2014 को रद्द किया गया था। इसका मुख्य कारण अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया जाना था लेकिन इस आदेश में कंपनी पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया। विभिन्न बांड और बैंक गारंटी भी जब्त की गई। अगस्ता वेस्टलैंड नीदरलैंड से जुडे संयुक्त उपक्रम को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड द्वारा मंजूरी दिये जाने के कांग्रेस के आरोप पर रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह मंजूरी 2 सितम्बर 2011 को उसके भारतीय भागीदार के आवेदन पर दी गयी। बाद में अगस्ता वेस्टलैंड में पुनर्गठन के बाद इसे अगस्ता वेस्टलैंड एस पी ए के नाम बदल दिया गया। इस संयुक्त उपक्रम में शामिल भारतीय भागीदार इंडियन रोटरोक्राफ्ट को सात फरवरी 2012 में हेलिकॉप्टर बनाने के लिए औद्योगिकी लाइसेंस दिया गया था जिसकी अवधि बाद में समाप्त हो गयी थी। मंत्रालय ने कहा है कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय वीवीआईपी हेलिकॉप्टर मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है और इस मामले में शामिल तीनों विदेशी नागरिकों कार्लो गेरोसा, जी हश्के और क्रिश्चियन माइकल जेम्स की गिरफ्तारी तथा उनके प्रत्यर्पण की भी कोशिश की जायेगी। सरकार ने गत दिसम्बर और जनवरी में इंटरपोल के माध्यम से रेड कार्नर नोटिस भी जारी किये हैं। 

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