इंफाल, 23 अप्रैल, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मणिपुर के थौबल जिले में देश की स्वतंत्रता के लिये अपना वर्तमान कुर्बान करने वाले सैनिकों को श्रृद्धांजलि देते हुये कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारे बेहतर भविष्य के लिये अपना वर्तमान कुर्बान कर दिया। श्री मुखर्जी ने यहां खोंगजोम दिवस की 125वीं सालगिरह पर युद्ध स्मारक परिसर के उद्घाटन अवसर पर मातृभूमि के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि हमारे शासकों के बीच एकता के अभाव के कारण अंग्रेज पूरे देश पर राज करने में सक्षम हो पाये। हमारा स्वतंत्रता संग्राम मुख्य रूप से 1857 से शुरु हुआ जाे बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश सरकार को सौंप दी गयी। राष्ट्रपति ने 1891 के खोंगजोम की लड़ाई का ऐतिहासिक महत्व को ऊजागर करते हुये कहा कि ब्रिटिश ताकतों के खिलाफ मणिपुर के सैनिकों ने ‘कम और पुराने हथियारों’से लड़ाई लड़ी और उन्होंने ‘हमारे भविष्य के लिए अपना वर्तमान कुर्बान’कर दिया।
श्री मुखर्जी ने व्यापक सहनशीलता, बहुलतावाद एवं सार्वभौमिकता की स्वीकार्यता के लिए मणिपुर के लोगों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा,“सच पूछिये तो मणिपुर भारत का गहना है। यह सिर्फ अपनी समृद्ध संस्कृति के स्वरूपों या प्राचीन सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि व्यापक सहनशीलता, बहुलतावाद, बहुलतावाद के सम्मान और सार्वभौमिकता की स्वीकार्यकता के लिए भी ऐसा है।” राष्ट्रपति ने कहा,“मणिपुर के वीर सपूतों एवं बेटियों को मैं आपके साथ श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने हमारे कल के लिए अपने आज का बलिदान कर दिया। हम उन्हें नहीं भूल सकते। मैं इस खूबसूरत मणिपुर के विकास की कामना करता हूं।” उन्होंने कहा कि काफी कम समय के लिए मणिपुर के एक हिस्से को आईएनए ने मुक्त कराया था और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने मोरे के नजदीक 1944 में यहां तिरंगा फहराया था। मणिपुर की सरकार हर वर्ष 23 अप्रैल को खोंगजोम दिवस मनाती है जिसमें अपनी मातृभूमि के लिए कुर्बान होने वाले मणिपुर के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी जाती है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल वी षणमुगम और मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह सहित कई गणमान्य हस्तियां मौजूद थे।

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