पटना,23 अप्रैल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज जनता दल यूनाइटेड :जदयू: की औपचारिक तौर पर कमान संभालने के बाद एलान किया कि वह राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ..महागठबंधन.. बनाने में ..उत्प्रेरक.. की भूमिका अदा करेंगे जिससे वर्ष 2019 में मोदी सरकार की विदाई सुनिश्चित होगी। श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष शरद यादव ने श्री कुमार के नाम का राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर प्रस्ताव किया जिसका सभी सदस्यों ने अनुमोदन किया । बाद में श्री कुमार ने बैठक में उपस्थित पार्टी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में जिस तरह महागठबंधन बना और वह सफल रहा, उसी तरह से राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी दलों की एकजुटता हुई तो 2019 में भगवा दल की विदाई तय है । श्री कुमार ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा पर चलती है इसलिए उन्होंने संघ मुक्त भारत की बात कही है । वह इसके जरिये किसी पद का दावा नहीं कर रहे हैं बल्कि उनकी कोशिश भाजपा विरोधी दलों को एकजुट करने की है । उन्होंने कहा कि उनका पक्का विश्वास है कि भाजपा को महागठबंधन की रणनीति से परास्त किया जा सकता है । इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर भी महागठबंधन बनाने में उनकी भूमिका सिर्फ उत्प्रेरक की होगी ।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री पद के लिए मीडिया में उनके नामों की हो रही चर्चा पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि आजकल मीडिया के लोग प्रधानमंत्री पद के लिए उनके नामों को लेकर हर दल के नेताओं से सवाल कर रहे हैं ,यह ठीक नहीं है । इसका जवाब देने में कई नेता असहज महसूस करते हैं । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने वाला कभी नहीं कहता कि वह बनेगा और जो कहता है वह सात जन्म में भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकता । श्री कुमार ने कहा कि वह काम में विश्वास रखते हैं और जनता ने जब राष्ट्रीय स्तर पर काम करने का उन्हें मौका दिया तो वहां भी उन्होंने काम करके दिखाया है । बिहार में भी उन्होंने अपने काम के साथ न्याय किया है । उन्होंने कहा कि उनकी आवाज में दम है और उसके पीछे नैतिक बल भी है इसलिए उनके विरोधी परेशान और बेचैन हो रहे हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया जब तक संसद में नहीं पहुंचे थे तब तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ संसद में कोई अविश्वास प्रस्ताव तक नहीं ला पाया था । पहली बार स्व.लोहिया के समय में ही लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव आया था । उस समय सभी जानते थे कि इस प्रस्ताव के जरिये सरकार नहीं गिरेगी लेकिन सरकार की गलत नीतियों पर संसद में चर्चा जरूर होगी । उन्होंने कहा कि भाजपा विरोधी दलों का विलय हो या कोई गठबंधन अथवा कोई मोर्चा बने, उनकी कोशिश एक ऐसे उत्प्रेरक की होगी जो अधिकतम एकजुटता की संभावना को बढ़ाये ।
श्री कुमार ने कहा कि भाजपा ने चुनाव के समय कालाधन वापस लाने,किसानों को उनकी उत्पाद लागत से 50 प्रतिशत अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन सरकार में आने के बाद वह इस वादे को भूल गयी । उन्होंने कहा कि अब मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने का झूठा आश्वासन दे रही है जबकि उसका कार्यकाल 2019 तक ही है । सरकार को बताना चाहिए कि 2019 तक किसानों की आमदनी कितनी बढ़ायेगी । मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में चुनाव के समय महागठबंधन ने जो वादे किये थे। उन्हें पूरा करने के लिए वह रात दिन काम कर रहे हैं । सात निश्चय में से एक महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण देने के सरकार के निश्चय को पूरा कर दिया गया है । इसी तरह छात्र-छात्रों को क्रेडिट कार्ड देने का निश्चय भी दो अक्टूबर से लागू हो जायेगा । उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में शराबबंदी लागू करने के अपने वादे को भी पूरा कर दिया है । श्री कुमार ने शराबबंदी को सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद बताया और कहा कि वह शराबबंदी के खिलाफ देश में जहां कहीं भी अभियान चल रहा है या चलेगा उसमें शामिल होंगे । उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी को लागू करने के बाद उन्होंने पड़ोसी राज्यों से मदद मांगी थी और इसी संदर्भ में झारखंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था लेकिन वहां के मुख्यमंत्री ने उनके पत्र के जवाब में कहा कि इस विषय को स्वास्थ्य विभाग के पास भेज दिया गया है । उन्होंने कहा कि इस पत्र की भाषा से साफ लगता है कि भाजपा के लोग अभी भी अहंकार में हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में बिहार की सीमा से लगे इलाकों में शराब की दुकान खुलवाई जा रही हैं लेकिन इससे वे बिहार के लोगों को शराब का गुलाम बनाकर रखने में कामयाब नहीं होंगे । पड़ोसी राज्य से यदि कोई बिहार में शराब पीकर आयेगा तो यहां मशीन के जरिये वह पकड़ा जायेगा और उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी । सरकार ने इस संबंध में पहले ही सख्त कानून बना दिया है । श्री कुमार ने कहा कि वह सबसे पहले शराबबंदी के मुद्दे को लेकर झारखंड जायेंगे । वहां भी शराबबंदी के लिए अनुकूल माहौल बन रहा है ।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी शराब की खपत बढ़ाने का लक्ष्य रखा है और इसी के तहत बिहार की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोली जा रही हैं । हालांकि इसका कई जगहों पर स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि वह 17 मई को उत्तर प्रदेश भी जायेंगे और वहां भी शराबबंदी के अभियान को तेज करेंगे । उन्होंने कहा कि शराबबंदी के लिए पूरे देश में माहौल बन रहा है और इसी का नतीजा है कि तमिलनाडु चुनाव में सभी प्रमुख दलों ने सत्ता में आने पर राज्य में शराबबंदी को लागू करने का वादा किया है ।
श्री कुमार ने कहा कि शराब की बिक्री नैतिक व्यापार नहीं है । इससे भले ही सरकार के खजाने में राशि कम आयेगी लेकिन जनता की जेब में पैसा रहेगा और वे इसका इस्तेमाल अच्छे कार्यों में कर सकेंगे । उन्होंने कहा कि वह 25 अप्रैल से बिहार में प्रमंडल स्तर पर दौरा करेंगे और किसी को शराबबंदी के मामले में ढ़िलाई बरतने नहीं देंगे । शराबबंदी के इस अभियान को देश भी में फैलायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के शासन में देश की माली हालत खराब हो रही है । बैंकों का पैसा लेकर कई बड़े लोग बैठे हुए हैं । उन्होंने कहा कि केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में राज्यों का हिस्सा बढ़ाया जा रहा है । पूर्व में चल रही राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना जिसमें केंद्रांश 90 प्रतिशत था उसका नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना और केंद्रांश घटाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया है । इसी तरह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और महत्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) पर केन्द्र सरकार का कोई ध्यान नहीं है । श्री कुमार ने कहा कि भाजपा कभी लव जेहाद , घर वापसी ,गौमांस तो कभी देशभक्ति के मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रही है । जिसने देश की आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया वह आज हमें देशभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं । उन्होंने कहा कि हम देशभक्त हैं और देश के लिए जान भी दे देंगे लेकिन हमें देशभक्ति के लिए भाजपा या संघ से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कभी सिद्धांतों के साथ कोई समझौता नहीं किया है और न करेंगे । जब उनकी पार्टी भाजपा से अलग हुई थी तब लोग कहते थे कि उनका राजनीतिक अंत हो गया है लेकिन वह जानते थे कि जनता ने उन्हें नकारा नहीं है । उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने आक्रामक प्रचार किया लेकिन उसका भी असर नहीं हुआ और महागठबंधन की भारी जीत हुई । इससे पूर्व जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि कहा कि आर्थिक विषमता और सामाजिक विषमता के खिलाफ जदयू अभियान चलाएगा । आज लोग बाबा साहेब डा0 भीम राव अम्बेडकर का भजन गा रहे हैं और दलितों को गुमराह कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को जाति व्यवस्था को खत्म करने के लिए संसद में विधेयक लाना चाहिए, उनकी पार्टी उसका समर्थन करेगी । श्री यादव ने कहा कि आज देश में कई नयी चुनौतियां खड़ी हैं । पार्टी इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार है । उन्होंने कहा कि अब इंकलाब लाने की जरूरत है और पंद्रह दिनों के भीतर ही इसका पूरा खाका तैयार कर लिया जाएगा । बैठक में भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति बनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसका झारखंड, मणिपुर, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के अध्यक्षों ने समर्थन किया और भाजपा के खिलाफ साझा मंच बनाने के लिए श्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया । बैठक में जदयू के महासचिव के सी त्यागी ने राजनीतिक प्रस्ताव को पढ़ा । बैठक में यह भी तय किया गया कि शराबबंदी को लेकर देश भर में मुहिम चलाई जाएगी।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें