नयी दिल्ली 29 अप्रैल, सरकार ने पनामा पेपर्स लीक में प्रकाश में आये सभी भारतीय नागरिकों को नोटिस भेजे हैं लेकिन आयकर कानून का हवाला देते हुए उनके नाम सार्वजिनक करने से आज इन्कार कर दिया। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने लोकसभा में प्रश्नकाल में पनामा पेपर्स लीक में नामित लोगों के विरूद्ध कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर कहा कि टैक्स चोरी कर धन को विदेशों में रखे जाने के जितने भी मामले आये हैं। सबको नोटिस देकर कार्रवाई की जा रही है लेकिन आयकर कानून की घरा 138 के अंतर्गत इस कार्यवाही को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पनामा पेपर्स में भी नामित हरेक भारतीय को नोटिस भेजा गया है तथा उन पर समुचित कार्रवाई हो रही है।
कृषि आय दिखाकर काले धन को सफेद करने की बड़े कारोबारियों एवं राजनेताओं की प्रवृत्ति से जुड़े एक सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने बताया कि आयकर विवरणियों की जांच में पाया गया है कि गत वर्ष कृषि आय के रूप में कुल 15 हजार करोड की राशि घोषित की गयी है। यह राशि 18 लाख करोड़ के कुल बजट में बहुत मामूली है। सरकार इसकी जांच कर रही है, पर हमें लग नहीं रहा है कि इसमें कुछ खास सफलता मिलेगी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि सरकार ने कर चोरी को रोकने के लिए सघन कार्रवाई की है। प्रत्यक्ष कर के मामले में अपवंचन में मामलों में 30 प्रतिशत, उत्पाद शुल्क एवं सेवाकर अपवचंन मामलों में 66 प्रतिशत तथा सीमा शुल्क अपवंचन मामलों में 600 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। देश के कर ढांचे का उल्लेख करते हुए श्री सिन्हा ने बताया कि देश में करदाताओं की संख्या 5.8 करोड़ हो गयी है।
शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016
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पनामा पेपर्स में नामित हरेक भारतीय को नोटिस भेजा
पनामा पेपर्स में नामित हरेक भारतीय को नोटिस भेजा
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