नयी दिल्ली 27अप्रैल, उच्चतम न्यायालय ने नैनीताल उच्च न्यायालय के फैसले को निरस्त करते हुए आज कहा उत्तराखंड में 29 अप्रैल रिपीट 29 अप्रैल को शक्ति परीक्षण नहीं होगा और अगली सुनवाई तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहेगा। केन्द्र ने उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के नैनीताल उच्च न्यायालय के फैसले को 22अप्रैल को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति की शिवा कृति सिंह की खंडपीठ ने विधान सभा में शक्ति परीक्षण को क्या राष्ट्रपति शासन का आधार बनाया जा सकता है ,समेत उत्तराखंड संकट को लेकर केन्द्र से कई कड़े सवाल किए। शीर्ष न्यायालय ने मामले की अगली सुनवायी तीन मई को नियत की है। शीर्ष न्यायालय ने 22 अप्रैल को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाने के नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश पर 27 अप्रैल तक रोक लगा दी थी। केन्द्र की याचिका पर शीर्ष न्यायालय ने उत्तराखंड के निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत और राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया था।
श्री रावत ने इससे पहले कैविएट दायर की थी कि इस मसले पर कोई याचिका आती है तो उनकी भी सुनी जाये। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में करीब एक माह से राजनीतिक संकट बना हुआ है। विधायकों की खरीद फरोख्त के अारोप -प्रत्यारोप के बाद राष्ट्रपति शासन तक पहुंचे हालात में उस समय नाटकीय मोड़ आया जब नैनीताल उच्च न्यायालय के राष्ट्रपति शासन हटाए के फैसले का जश्न कांग्रेस में शुरू ही हुआ था कि उच्चतम न्यायालय द्वारा उसके फैसले को पलट देने से उनकी खुशियों पर तुषारापात हो गया।

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