जयपुर 29 अप्रैल, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने अगस्टा हेलीकाप्टर के मामले में की जा रही केन्द्रीय जांच ब्यूरो की जांच का दायरा बढाने की मांग करते हुये कहा है कि राजस्थान सरकार द्वारा खरीदे गये अगस्टा हेलीकाप्टर की खरीद के मामले की भी जांच की जानी चाहिए। श्री पायलट ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वर्ष 2005 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने अगस्टा हेलीकाप्टर खरीदा था जिसकी भी जांच की जानी चाहिए क्योंकि जिस कंपनी पर गडबडी की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो कर रहा उसी ने राजस्थान में भी सरकार को हेलीकाप्टर बेचा था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने वर्ष 2008 में दूसरा अगस्टा हेलीकाप्टर भी खरीदने के लिए प्रक्रिया शुरू की थी जिसमें सात करोड रूपये ज्यादा देने का प्रस्ताव था लेकिन भाजपा की चुनाव में हार के कारण इस पर अमल नहीं हो पाया।
उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि आंध्रप्रदेश सरकार ने जिस हेलीकाप्टर की लागत 52 करोड रूपये लगाई थी उससे बढकर यहां की भाजपा सरकार ने 59 करोड रूपये की लागत क्यों लगाई। राजस्थान विधानसभा की जन लेखा समिति द्वारा इस प्रकरण में एक करोड 14 लाख रूपये के दुरूपयोग के आरोपों को खारिज करने के मामले में पूछे गये सवाल पर श्री पायलट ने कहा कि जन लेखा समिति के पास कोई जांच एजेंसी नहीं है लिहाजा उसकी रिपोर्ट सही नहीं मानी जा सकती । उन्होंने कहा कि अतिविशिष्ट व्यक्तियों के लिए हेलीकाप्टर खरीदने का मामला वाजपेयी सरकार के समय 1999 में शुरू हुआ था तथा 2005 में इसकी कार्यवाही पूरी हुई। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने सौदे पर सवाल खडे होने के कारण उसे रद्द किया तथा कंपनी को काली सूची में डाला गया। इसी कंपनी को मोदी सरकार ने काली सूची से हटा दिया तथा मेक इन इंडिया कार्यक्रम से जोडा। आखिर ऐसा क्यों किया गया।

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