चेन्नई 26 अप्रैल, भारत की स्वदेशी उपग्रह नौवहन प्रणाली(आईआरएनएसएस) के पहले चरण के लिये आवश्यक सात उपग्रहों की श्रृंखला के सातवें और आखिरी उपग्रह आईआरएनएसएस-एक जी के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती आज शुरु हो गई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि प्रक्षेपण की 51 घंटे तीस मिनट की उल्टी गिनती सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से आज सुबह नौ बजकर बीस मिनट पर शुरु की गई। सूत्रों के अनुसार मिशन तैयारी समीक्षा समिति (एमआरआर)और प्रक्षेपण प्राधिकार बोर्ड (एलएबी) ने प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरु की। आईआरएनएसएस-1 जी का प्रक्षेपण 28 अप्रैल को अपराह्न 12 बजकर पचास मिनट पर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी सी-33) से किया जायेगा। उपग्रह का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से होगा।
आईआरएनएसएस-1 जी का वजन 1425 किलोग्राम है और यह पूर्ववर्ती उपग्रहों के ही समान है। इसमें भी दो पे-लोड हैं। एक नेविगेशन पे-लोड और दूसरा रेंजिंग पे-लोड। इन्हें एल-5 और एस बैंड पर परिचालित किया जाएगा। प्रणाली के सक्रिय होने के बाद देश के 1500 किलोमीटर के दायरे में 15 से 20 मीटर शुद्धता तक की पोजिशनिंग सेवाएं मिलने लगेंगी। अभी तक इस शृंखला के सात में से छह उपग्रहों (आईआरएनएसएस-1ए, 1बी, 1सी, 1डी, 1ई और 1एफ) का प्रक्षेपण हो चुका है। पहले छह अभियानों की तरह सातवें उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए भी इसरो पीएसएलवी के विस्तारित संस्करण (एक्सएल) का उपयोग करेगा। प्रक्षेपण के साथ ही भारत क्षेत्रीय उपग्रह नौवहन प्रणाली रखने वाले विशिष्ट देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।

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