गांधीनगर, 29 अप्रैल, गुजरात की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों को सरकारी नौकरियों तथा शैक्षिक संस्थानों में दस फीसदी आरक्षण लागू करने का फैसला किया है जिसके लिए सरकार अध्यादेश जारी करने के अलावा न्यायपालिका से भी संपर्क करेगी। राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की सरकार ने अपने इस फैसले से पटेल समुदाय की ओर से आरक्षण की मांग को लेकर चलाये जा रहे आंदोलन के असर को समाप्त करने का प्रयास किया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में आज सुबह यहां पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में पटेल समुदायको आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय रूपानी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को दस फीसदी आरक्षण देने के लिए राज्य स्थापना दिवस पर एक मई को अध्यादेश लाया जाएगा। उसके बाद विधानसभा के अगले सत्र में इसे विधेयक के रूप में अमलीजामा पहनाया जाएगा। श्री रूपानी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की ओर आरक्षण के लिए तय सीमा 49 फीसदी के अलावा इस दस फीसदी को लागू किया जाएगा। इसके लिए सरकार उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष रखेगी। कांग्रेस ने भाजपा की ओर से आरक्षण की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह आर्थिक रूप से पिछड़ों को 20 फीसदी अारक्षण की मांग करती है। इसमें प्रति वर्ष आय छह लाख के बजाय 12 लाख को आधार रखा गया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इससे पहले विधानसभा में एक निजी सदस्य विधेयक का प्रस्ताव कर आर्थिक रूप से पिछड़ों को 20 फीसदी आरक्षण देने की मांग की थी।

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