नयी दिल्ली, 23 अप्रैल मशहूर उर्दू साहित्यकार और लेखक जोगिन्दर पॉल का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। श्री पॉल वृद्धावस्था से जुडी बीमारियों से पीड़ित थे और पिछले कुछ सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे। श्री पॉल के परिवार में उनकी पत्नी कृष्णा, बेटे सुधीर और सुनीत तथा बेटी सुक्रीता है। बड़ी संख्या में उनके परिजन, दोस्त और प्रशंसक उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुये। पांच सितंबर 1925 को सियालकोट (अब पाकिस्तान में) में जन्मे श्री पॉल विभाजन के बाद भारत में रहे।
उनकी मातृभाषा पंजाबी थी लेकिन उनकी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा उर्दू में हुई। उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में मास्टर की डिग्री हासिल की और महाराष्ट्र में एक स्नातक कॉलेज के प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त होने तक अंग्रेजी साहित्य ही पढ़ाते रहे। श्री पॉल ने धरती का काल(1961), माटी का इदरक(1970), खुदा बाबा का मकबरा(1994), परिन्दे(2000) और बस्तियां(2000) नाम की लघु कहानियां और अामद वा राफ्त(1975) तथा बयानात जैसे लघु उपन्यास लिखे। उनकी कई कहानियों और उपन्यासाें का हिन्दी और अंग्रेजी समेत विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया है। उन्होंने सभी महत्वपूर्ण पुरस्कार जीते जो एक उर्दू लेखक हासिल कर सकता है।

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