10 मई से ‘भगत सिंह-अंबेदकर संदेश अभियान’ का दूसरा दौर: आइसा-इनौस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 8 मई 2016

10 मई से ‘भगत सिंह-अंबेदकर संदेश अभियान’ का दूसरा दौर: आइसा-इनौस

  • पटना में 1857 के शहीद पीर अली की मूर्ति पर माल्यर्पण के साथ होगा कार्यक्रम का आरंभ
  • जेएनयू की तर्ज पर पीयू में छात्र नेताओं को आतंकवादी कहे जाने के खिलाफ 9 मई को एकदिवसीय धरना

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पटना 8 मई 2016, भगत सिंह-अंबेदकर संदेश अभियान का दूसरा दौर 10 मई से 9 अगस्त 2016 तक चलेगा. हैदराबाद और जेएनयू के छात्र-युवा उभार ने मोदी सरकार के असली चरित्र को बेनकाब किया है. इस उभार को व्यापक पैमाने पर ग्रामीण गरीबों, खासकर दलित छात्र-युवाओं तक विस्तार देने की जरूरत है. इसी बुनियाद पर खड़े होकर सच्चे जनवादी, धर्मनिरपेक्ष और आंदोलनकारी ताकतों की एकता के बल पर सांप्रदायिक ताकतों को मुकम्मल तौर पर हराया जा सकता है. इसलिए हमने व्यापक छात्र-युवा समुदाय को संगठित करने के लिए इस अभियान को लिया. इस अभियान की शुरूआत 10 मई से होगा. 10 मई को ही 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का आरंभ हुआ था. पटना में 1857 के महानायक शहीद पीर अली के स्मारक पर तो आरा में बाबू कंुंवर सिंह के स्मारक पर माल्यर्पाण करके इस अभियान की शुरूआत की जाएगी. पटना के कार्यक्रम में भाकपा-माले पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा व पटना के जाने-माने बुद्धिजीवी शामिल रहेंगे.  अभियान के दौरान गांव, स्कूल, काॅलेज, यूनिविर्सिटी आदि जगहों पर बैठक व गोष्ठियां आयेाजित कर भगवा ताकतों के असली मंसूबों का पर्दाफाश किया जाएगा. भाजपा के दलित विरोधी, अल्पसंख्यक विरोधी विचारों के खिलाफ क्लास आयोजित किये जायेंगे.

जेएनयू और पटना विश्वविद्यालय की ही तर्ज पर टना विश्वविद्यालय द्वारा छात्र नेताओं व छात्रों को प्रताड़ित किया जा रहा है. एक तरफ जहां आर्ट एंड क्राफ्ट काॅलेज के छात्र काॅलेज प्रशासन की मनमानी के शिकार हुए हैं, तो वहीं दूसरी ओर आइसा के राज्य सह सचिव तारिक अनवर और अन्य 3 छात्र नेताओं पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहने का आरोप पटना विश्वविद्यालय द्वारा लगााया गया है. इससे साफ जाहिर होता है कि पटना विश्वविद्यालय और बिहार सरकार भी उसी रास्ते पर बढ़ रही है, जो रास्ता मोदी सरकार का है. ं पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने आइसा के राज्य सह सचिव तारिक अनवार सहित पटना विश्वविद्यालय के छात्र पंकज राय, गौतम आनंद और आजाद चांद पर ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है. ‘कारण बताओ’ नोटिस में आंदोलनकारी नेताओं पर आपराधिक, अनुशासनहीन और आतंकवादी कार्रवाइयों में संलिप्त रहने का आरोप लगाया गया है.  छात्र नेताओं पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप पूरी तरह हास्यास्पद है. हकीकत यह है कि छात्र समुदाय अपनी जायज मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदेालनरत थे. इसके खिलाफ आगामी 9 मई को पटना विश्वव्विद्यालय पर एक दिवसीय धरना देने का फैसला किया गया है. संवाददाता सम्मेलन को आइसा नेता संतोष आर्या, रवि प्रजापति, रामजी यादव, कुमार अमित आदि छात्र नेताओं ने संबोधित किया.

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