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शनिवार, 7 मई 2016

मोदी से मिले अखिलेश, बुंदेलखंड में 10 हजार टैंकर पानी भेजने के लिए मांगी मदद

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नयी दिल्ली, 07 मई, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और सूखा पीड़ितों को राहत देने तथा बुन्देलखंड में पेयजल की समस्या से निपटने के लिए दस हजार पानी के टैंकर भेजने के लिए धनराशि उपलब्ध कराने की मांग की। श्री यादव सुबह प्रधानमंत्री आवास पहुंचे और उन्हें राज्य में सूखे से उत्पन्न स्थिति के साथ ही बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान तथा बुंदेलखंड में पेयजल की समस्या की जानकारी दी। श्री यादव के साथ राज्य के मुख्य सचिव आलोक रंजन भी मौजूद थे। दोनों नेताओं के साथ करीब दो घंटे तक बैठक चली जिसमें राज्य की स्थिति पर व्यापक रूप से विचार विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास के बाहर पत्रकारों को बताया कि उन्होंने श्री मोदी से सूखे की स्थिति से निपटने के लिए मिलजुल कर काम करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही बुंदेलखंड में सूखे की भयावह स्थिति से निपटने के लिए तत्काल आर्थिक मदद देने की मांग की गयी। उन्होंने बुंदेलखंड में भूख से मौत के बारे में मीडिया में आयी खबरों का खंडन किया और कहा कि राज्य में भूख से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के पास राज्य को सूखे के लिए पिछले वर्ष आवंटित धनराशि का 1123.47 करोड़ रुपये, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के 4741.55 करोड़ रुपये की अवशेष राशि शीघ्र अवमुक्त कराने की मांग करते हुए 2015-16 में कुछ जनपदों में खरीफ की फसलों की बुवाई सामान्य से बहुत कम होने के कारण किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 1261 करोड़ शीघ्र स्वीकृत करने तथा बुन्देलखण्ड और विन्ध्याचल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 200 मानव दिवस तथा अन्य जिलों के लिए 150 मानव दिवस की सीमा निर्धारित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सूखे की स्थिति अत्यधिक भयावह बनी हुई है और राज्य तथा केंद्र को मिलकर वहां तत्काल मदद पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने इस काम के लिए सबसे पहले पेयजल के दस हजार टैंकर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र से आवश्यक निधि की मांग की और कहा कि क्षेत्र में लोगों को राहत देने के लिए मनरेगा की मजदूरी की दर 300 रुपये प्रतिदिन की जानी चाहिए। श्री यादव ने कहा कि ओलावृष्टि के लिए 7543.14 करोड़ रुपये की मांग की गयी थी लेकिन मात्र 2801.59 करोड़ रुपये की धनराशि राज्य सरकार को दी गयी। इसी तरह से सूखा पीड़ितों के लिए 2057.79 करोड़ रुपये की मांग की गयी लेकिन 934.32 करोड़ रुपये की धनराशि ही प्राप्त हुई है। उन्होंने केंद्र से शेष धनराशि शीघ्र स्वीकृत करके राज्य को उपलब्ध कराने की मांग की है।

इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली सूचना के अनुसार श्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ राज्य में सूखे की स्थिति पर हुई चर्चा के दौरान जल संरक्षण तथा भूजल स्तर बढाने के लिए संवेदी तथा उपग्रह की तस्वीरों के आधार पर तकनीक का इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने फसल चक्र को वैज्ञानिक आधार देने तथा ड्रिप जैसी सिंचाई व्यवस्था के इस्तेमाल के साथ ही जल के बचाव में सामुदायिक सहयोग की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने शहरी क्षेत्र में इस्तेमाल पानी को फसलों की सिंचाई के लिए उपयोग में लाने की सलाह दी और कहा कि आने वाले मानसून सत्र में बारिश के पानी के संरक्षण तथा उसके इस्तेमाल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके पानी के टैंकरों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए जीपीएस जैसी निगरानी व्यवस्था की जानी चाहिए। श्री यादव ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान राज्य आपदा राहत निधि के सम्बन्ध में केंद्र के पिछले वर्ष आठ अप्रैल के आदेश का भी जिक्र किया इसके तहत जारी व्यवस्था में शिथलता लाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के तहत सूखा प्रभावित परिवारों को 90 दिन तक खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा सकता है और इस अवधि को राज्य कार्यकारिणी समिति द्वारा बढ़ाया जा सकता है लेकिन इसका कुल व्यय प्रावधान की राशि के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। 

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