नयी दिल्ली, 07 मई, भारत में महिलाआें पर एसिड हमले रोकने की मुहिम को जर्मनी के प्रतिष्ठित बॉब्स (बेस्ट ऑफ ऑनलाइन एक्टिविज्म पुरस्कार) सम्मान के लिए चुना गया है। बॉब्स सम्मान की सामाजिक बदलाव की श्रेणी में “स्टॉप एसिड अटैक” मुहिम को चुना गया है। जर्मनी की आधिकारिक प्रसारण संस्था डॉयचे वेले की ज्यूरी द्वारा चयनित इस सम्मान की दूसरी प्रमुख श्रेणी संचार क्रांति के लिए भारतीय वेबसाइट चौपाल को चयनित किया गया है।
डॉयचे वेले के महानिदेशक पीटर लिंबुर्ग ने बर्लिन में पुरस्कारों की घोषणा करते हुए कहा कि साल 2016 अभिव्यक्ति की आजादी के लिहाज से दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में भारत सहित अन्य विकासशील देशों में एसिड अटैक जैसे सामाजिक मुद्दों को जीवंत रखना चुनौती बन गया है। बॉब्स के लिए अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी हिंदी सहित 14 भाषाओं के ऑनलाइन प्रोजेक्ट की प्रवष्टियों में चार श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन करती है। जनसरोकारों से जुड़ी पत्रकारिता के वर्ग में इस साल का बॉब्स सम्मान बंगलादेश में ब्लॉगर्स पर हो रहे हमलों पर आधारित लघु फिल्म रेजर्स एज को दिया जाएगा। जबकि ईरान में मॉरल पुलिसिंग के खिलाफ बनाए गए मोबाइल एप गेरशाद को श्रेष्ठतम मकसद के लिए किए गए क्रांतिकारी काम की श्रेणी के लिए बॉब्स सम्मान से नवाजा जाएगा।

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