पटना 03 मई, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोषित 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज के तहत होने वाले कार्यों की समीक्षा के लिये समिति का गठन राजनीतिक उद्देश्य से हुआ है और यह विधानसभा सचिवालय के क्षेत्राधिकार से बाहर का मामला है । श्री मोदी ने यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित जनता दरबार के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विधानसभा सचिवालय ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिये समिति का गठन किया है । उन्होंने संविधान की धारा 246 का हवाला देते हुए कहा कि विधान सभा सचिवालय की ओर से गठित कोई भी समिति केंद्र के रेल, विमानन, राष्ट्रीय राजमार्ग, पेट्रोलियम मंत्रालय आदि से जुड़ी योजनाओं एवं परियोजनाओं की निगरानी नहीं कर सकती है ।
गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने 25 अप्रैल को जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, भाजपा, कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा माले) की 11 सदस्यीय समिति का गठन किया था । इस समिति की कल पहली बैठक हुई थी जिसका बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार और भाजपा विधायक रामनारायण मंडल ने बहिष्कार किया था । श्री मोदी ने कहा कि समिति में शामिल किये गये भाजपा के दोनों सदस्य जल्द ही उससे त्याग पत्र दे देंगे । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यदि चाहती है तो वह अपने सात निश्चयों के तहत कार्यांन्वित की जाने वाली योजनाओं की निगरानी के लिए समिति का गठन कर सकती है । विधानसभा सचिवालय चाहे तो मुख्यमंत्री के नाम पर संचालित करीब 36 योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर भी समिति का गठन कर सकती है ।

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