पटना 03 मई, बिहार मानवाधिकार आयोग (बीएचआरसी) ने आज राज्य सरकार को उन महिलाओं को मुआवजा देने का निर्देश दिया है जिनका बिना किसी वैध चिकित्सकीय कारण के गर्भाशय निकाल दिया गया । आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिलाल नाजकी ने राज्य के विभिन्न जिलों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना( आरएसबीवाई) के तहत बिना किसी चिकित्सकीय जरूरत के वर्ष 2012 में महिलाओं के गर्भाशय निकाले जाने के मामले को मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन बताते हुए राज्य सरकार को पीड़ित महिलाओं को मुआवजा देने का निर्देश दिया है । आयोग ने 20 से 40 वर्ष की ऐसी पीड़ित महिलाओं को ढाई-ढाई लाख रूपया जबकि 40 वर्ष से अधिक उम्र की पीड़ित महिलाओं को डेढ लाख रूपया मुआवजा देने का निर्देश दिया है । आयोग ने आरएसबीवाई में हुयी इन गड़बड़ियों की जांच का आदेश देने के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना भी की । आयोग ने यह भी कहा है कि इस मामले में जो भी चिकित्सक दोषी है उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ।
मंगलवार, 3 मई 2016
बिहार में गर्भाशय घोटाला पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्देश
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