बाबा ब्रदीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही बदरीश ध्यान केन्द्र भी शुरू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 11 मई 2016

बाबा ब्रदीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही बदरीश ध्यान केन्द्र भी शुरू

देहरादून 11 मई (वार्ता) जय बद्री विशाल लाल के गगन भेदी उद्घोष के साथ हिन्दुओं की आस्था के पवित्र धाम श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट धार्मिक रीति रिवाज व वैदिक मंत्रोचार के साथ आज प्रातः 4 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के बाद छह माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गये हैं। इस अवसर पर हजारों तीर्थयात्रियो ने अखंड ज्योति के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किये और इसके साथ ही बदरीश ध्यान केन्द्र का भी शुभारंभ हो गया। 



छह माह भगवान श्री हरि की पूजा नारद द्वारा किये जाने के बाद अब नारायण की पूजा नर के हाथों शुरू हो गई है। इस मौके पर देश-विदेश से पहुंचे हजारों तीर्थ यात्रियों ने अखंड ज्योति के दर्शन किये। अखंड ज्योति के दर्शन के लिए सुबह तीन बजे से ही भक्तों की कतार बद्रीनाथ धाम में लगनी शुरू हो गई थी। ठीक 4 बजकर 35 मिनट पर जैसे ही मंदिर का सिंहद्वार खुला वैसे ही भक्तों ने श्री बद्री विशाल लाल की जय-जयकर का उदघोष लगाया। कपाट खुलते ही गढ़वाल स्काउट ने अपने बैंड के साथ मधुर ध्वनि से वातावरण को और भी संगीतमय बना दिया। 



मन्दिर के मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह ने बताया कि आज लगभग 8 हजार से अधिक यात्री बद्रीनाथ में मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष धाम आने वाले श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक अनुभूति के लिए बदरीश ध्यान केन्द्र का शुभारम्भ किया गया है। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु बद्रीनाथ धाम में चैलाई से निर्मित लड्डुओं को प्रसाद के रूप में वितरण की बात कही।

कोई टिप्पणी नहीं: