नयी दिल्ली 11 मई, उच्चतम न्यायालय ने 1993 के राजधानी ट्रेन विस्फोट मामले के 15 आरोपियों में से चार को आज बरी कर दिया, जबकि 11 की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी। न्यायमूर्ति फकीर मोहम्मद इब्राहीम कलीफुल्ला और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसले में अपने चार आरोपियों को बरी कर दिया।
यह मामला अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाये जाने के ठीक एक साल बाद (छह दिसम्बर 1993) का है, जब आरोपियों ने राजधानी एक्सप्रेस सहित कई रेलगाड़ियों को निशाना बनाया था। वर्ष 2004 में आतंकवाद एवं विध्वंसक गतिविधि निरोधक कानून (टाडा) की अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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