सहरसा 03 मई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी का श्रेय महिलाओं को देते हुए आज कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं और आम लोगों के हितों को ध्यान में रखकर ही शराबबंदी का कठोर और ऐतिहासिक फैसला लिया है। श्री कुमार ने यहां जीविका की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में शराबबंदी को लागू कर पूरी दुनिया को एक सामाजिक परिवर्तन का नया संदेश दिया है और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दूसरे सबसे बड़े सपने को साकार किया है। इस कानून के लागू होने के बाद सामाजिक परिवर्तन की एक नींव पड़ गयी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून अपना काम करेगा और शराब पीने के साथ पिलाने वालों की हर साजिश को नाकाम कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शराबबंदी में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। इस अभियान में महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं और आम लोगों के हितों को ध्यान में रखकर कठोर और ऐतिहासिक फैसला लिया है जिसकी तैयारी पिछले पांच वर्षों से की जा रही थी। उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी को मिल रहे समर्थन से यह तय हो गया है कि आने वाले समय में झारखंड , उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में शराबबंदी होकर रहेगी।
श्री कुमार ने शराबबंदी का विरोध करने वालों को तल्ख लहजे में कहा कि कुछ लोग ताड़ी बेचने वाले समाज के लोगों की आड़ में साजिश कर रहे हैं लेकिन इन लोगों को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है , ताड़ी बेचने वाले बेरोजगार नहीं रहेंगे। अगले साल से उनकी आमदनी बढ़ जायेगी। अब ताड़ी नहीं ताड़ के पेड़ का सुबह का नीर बोतल में बंद कर बेचा जायेगा। मुख्यमंत्री ने नयी उत्पाद नीति की चर्चा करते हुए कहा कि शराबबंदी को लेकर सरकार ने सख्त कानून बनाया है और इसे पूरी सख्ती से लागू भी किया जायेगा। शराबबंदी के बाद यह राज्य की यह पूर्ण जिम्मेदारी बनती है कि शराब की बिक्री ना हो और उनकी सरकार किसी भी परिस्थिति में ऐसा नहीं होने होने देगी। इस मौके पर राज्य के उर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव , अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री डा. अब्दुल गफूर , आपदा प्रबंधन मंत्री चन्द्रशेखर समेत लोग उपस्थित थे।

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